सार
प्रधानमंत्री (Pm Narendra modi) ने कल रात ही ओमीक्रोन (Omicron) और वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर बात की। रविवार को उन्होंने मन की बात में नए साल पर बात की। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु हेलिकॉप्टर हादसे में मृत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun singh)की चिट्ठी का जिक्र किया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (PM Modi Mann Ki Baat) में राष्ट्र को संबोधित किया। इस साल मन की बात का यह 84वां और साल का आखिरी एपिसोड था। प्रधानमंत्री ने कल रात ही ओमीक्रोन और वैक्सीनेशन को लेकर बात की है। प्रधानमंत्री ने कहा- मैं इस कार्यक्रम में सरकारी उपलब्धियों को भी बता सकता था, लेकिन इसमें उनकी बात करता हूं जो मीडिया की सुर्खियों से दूर देश में अच्छा काम कर रहे हैं।
मोदी ने कहा - वैक्सीन के 140 करोड़ डोज के पड़ाव को पार करना प्रत्येक भारतवासी की उपलब्धि है। देश में कोरोना का एक नया वैरिएंट दस्तक दे चुका है। हमारा दो वर्षों का अनुभव है कि इसके लिए हमारा खुद का प्रयास बहुत जरूरी है। ओमीक्रोन का अध्ययन हमारे वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं। उनके सुझावों पर काम हो रहा है। ऐसे में स्वयं का अनुशासन इस वैरिएंट के खिलाफ बहुत बड़ी शक्ति है। इसी दायित्व के साथ हमें 2022 में प्रवेश करना है। यह जन प्रयास है कि हम 100 साल की सबसे बड़ी महामारी से लड़ सके। पीएम मोदी ने मन की बात में दिवंगत जनरल सीडीएस बिपिन रावत को याद किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में देश ने पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया।
सामान्य होना बुरी बात नहीं ...
इस दौरान उन्होंने एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की बात भी की। मोदी ने कहा- ग्रुप कैप्टन वरुण जब अस्पताल में थे उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे हृदय को छू गया। उन्होंने कहा कि इस साल वरुण सिंह को शौर्य चक्र दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखी थी। जब उनके पास सेलिब्रेट करने का समय था, तब उन्होंने आने वाली पीढ़ी की चिंता की। अपने पत्र में वरुण सिंह जी ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया, बल्कि अपनी असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला, इसकी बात की।
पीएम ने कहा कि वरुण ने लिखा कि सामान्य होने में कोई बुराई नहीं है। हर किसी के लिए 90 प्रतिशत नहीं ला पाना कोई खराब बात नहीं है। आप स्कूल में सामान्य विद्यार्थी हो सकते हैं। लेकिन, जीवन में आप हमेशा सामान्य रहेंगे ये नहीं हो सकता। औसत से असाधारण बनने का जो मंत्र उन्होंने दिया वह महत्वपूर्ण है। उन्होंने लिखा है - कभी आशा न छोड़ें। मोदी ने कहा कि वरुण ने पूरे देश को प्रेरित किया है। उनका पत्र भले ही केवल छात्रों से बात करता हो लेकिन पूरे समाज को संदेश दिया है। हर साल मैं ऐसे विषयों पर छात्रों के साथ चर्चा करता हूं। इस साल भी इसकी प्लानिंग करूंगा। मन की बात में मोदी ने ग्रीस के छात्रों द्वारा वंदे मारतम की पुस्तुति सुनवाई। मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हुई इस प्रस्तुति पर ग्रीस के इन छात्रों और वहां के शिक्षकों को धन्यवाद दिया।
लखनऊ में हुए ड्रोन शो के लिए नीलेश की तारीफ
मोदी ने लखनऊ के नीलेश की एक post की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि नीलेश जी ने लखनऊ में हुए एक अनूठे Drone Show की बहुत प्रशंसा की है। ये Drone Show लखनऊ के Residency क्षेत्र में आयोजित किया गया था। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम की गवाही, Residency की दीवारों पर आज भी नजर आती है। Residency में हुए Drone Show में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अलग-अलग पहलुओं को जीवंत बनाया गया। चाहे ‘चौरी चौरा आन्दोलन’ हो, ‘काकोरी ट्रेन’ की घटना हो या फिर नेताजी सुभाष का अदम्य साहस और पराक्रम, इस Drone Show ने सबका दिल जीत लिया।
84 की उम्र में लाइब्रेरी खोलने वाले विट्ठलाचार्य का जिक्र
तेलंगाना के डॉक्टर कुरेला विट्ठलाचार्य का भी मोदी ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 84 साल के विट्ठलाचार्य जी इसकी मिसाल हैं कि जब बात अपने सपने पूरे करने की हो, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। विट्ठलाचार्य जी की बचपन से एक इच्छा थी कि वो एक बड़ी सी Library खोलें। देश तब गुलाम था, कुछ परिस्थितियां ऐसी थीं कि बचपन का वो सपना, तब सपना ही रह गया। समय के साथ विट्ठलाचार्य जी, Lecturer बने, तेलुगु भाषा का गहन अध्ययन किया और उसी में कई सारी रचनाओं का सृजन भी किया। 6-7 साल पहले वो एक बार फिर अपना सपना पूरा करने में जुटे। उन्होंने खुद की किताबों से Library की शुरुआत की। अपने जीवनभर की कमाई इसमें लगा दी। धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ते चले गए और योगदान करते गए। यदाद्रि-भुवनागिरी जिले के रमन्नापेट मंडल की इस Library में करीब 2 लाख पुस्तकें हैं।
मोदी ने सर्बियन स्कॉलर डॉ. मोमिर निकिच (Serbian Scholar Dr. Momir Nikich)के बारे में बताया। डॉ. मोमिर ने एक Bilingual Sanskrit-Serbian डिक्शनरी तैयार की है। इस डिक्शनरी में शामिल किए गए संस्कृत के 70 हजार से अधिक शब्दों का सर्बियन भाषा में अनुवाद किया गया है। मोदी ने बताया कि डॉ. निकिच ने 70 वर्ष की उम्र में संस्कृत भाषा सीखी है। इसकी प्रेरणा उन्हें महात्मा गांधी के लेखों को पढ़कर मिली। इसी प्रकार का उदाहरण मंगोलिया के 93 (तिरानवे) साल के प्रोफेसर जे गेंदेधरम का भी है। पिछले 4 दशकों में उन्होंने भारत के करीब 40 प्राचीन ग्रंथों, महाकाव्यों और रचनाओं का मंगोलियन भाषा में अनुवाद किया है। अपने देश में भी इस तरह के जज्बे के साथ बहुत लोग काम कर रहे हैं।
अरुणाचल के एयरगन सरेंडर की तारीफ
मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के लोगों के अरुणाचल प्रदेश एयरगन सरेंडर अभियान की तारीफ की। इस अभियान में, लोग, स्वेच्छा से अपनी एयरगन सरेंडर कर रहे हैं। दरअसल, यह अभियान पक्षियों को बचाने के लिए चलाया गया है। मोदी ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश पक्षियों की 500 से भी अधिक प्रजातियों का घर है। इनमें कुछ ऐसी देसी प्रजातियां भी शामिल हैं, जो दुनिया में कहीं और नहीं पाई जाती हैं। लेकिन धीरे-धीरे अब जंगलों में पक्षियों की संख्या में कमी आने लगी है। इसे सुधारने के लिए ही अभियान के जरिये अब तक 1,600 से ज्यादा एयरगन सरेंडर कर चुके हैं।
2014 से चल रहा मन की बात
मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित हुआ था (Mann Ki Baat Episode) आमतौर पर हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम का 2021 का अंतिम एपिसोड 28 नवंबर को प्रसारित होने जा रहा है। प्रत्येक संस्करण में, प्रधानमंत्री कई मुद्दों पर देशवासियों से बात करते हैं, इसमें वो मुद्दे भी शामिल रहते हैं, जिन पर लोग अपनी राय देते हैं। प्रधानमंत्री मन की बात के लिए लोगों से भी सुझाव मांगते हैं। इस बार के मुद्दों में काशी और उत्तर प्रदेश के विकास भी शामिल हो सकते हैं।
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