सार

राजनीति में मेरा छोटा कार्यकाल रहा। मैं न तो घृणा से राजनीति छोड़ रहा हूं और न ही संघर्ष कर रहा हूं। आप देर से प्रवेश और जल्दी निकास कह सकते हैं।

तिरुअनंतपुरम। मेट्रोमैन ई.श्रीधरन (Metroman E.Sreedharan) ने अपनी राजनीतिक पारी को समाप्त करने का ऐलान किया है। संन्यास की घोषणा करते हुए श्रीधरन ने कहा कि मैं युवाओं की तरह भागदौड़ नहीं कर सकता। मैं कभी राजनेता था ही नहीं। राजनीति में मेरा प्रवेश देर से हुआ लेकिन यहां से निकलने में कोई देरी नहीं हुई है। मार्च 2021 में श्रीधरन भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए थे और चुनाव लड़े थे। वे सीएम फेस थे, इसके बावजूद केरल में  भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली।

पैतृक शहर से किया सन्यास का ऐलान

मेट्रो मैन ई. श्रीधरन ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में हार ने उन्हें समझदार बना दिया है। 90 वर्षीय श्रीधरन ने मलप्पुरम जिले के अपने पैतृक शहर पोन्नानी में गुरुवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में हार ने मुझे समझदार बना दिया। जब मैं हार गया तो इसने मुझे दुखी किया, लेकिन अब मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं जीत भी जाता तो कुछ नहीं किया जा सकता था। मैं कभी राजनेता नहीं था, मैं कुछ समय के लिए नौकरशाही राजनेता बना रहा। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनका प्रवेश देर से हुआ और इससे बाहर निकलने में भी इतनी देर नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राजनीति में मेरा छोटा कार्यकाल रहा। मैं न तो घृणा से राजनीति छोड़ रहा हूं और न ही संघर्ष कर रहा हूं। आप देर से प्रवेश और जल्दी निकास कह सकते हैं।

नौजवानों की तरह भागदौड़ नहीं कर सकता

श्रीधरन ने कहा कि मैं अब 90 वर्ष का हूं और एक नौजवान की तरह इधर-उधर नहीं भाग सकता। मैं तीन अलग-अलग ट्रस्टों से जुड़ा हूं और अब मैं अपना बाकी समय उनके साथ बिताऊंगा। 

केरल में बीजेपी को पांव जमाने के लिए बहुत कुछ करना होगा

श्रीधरन ने कहा जब वह मार्च 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए तो पार्टी के लिए पर्याप्त संभावनाएं थीं लेकिन अब स्थिति अलग है। उन्होंने कहा कि पार्टी को राज्य में पैर जमाने के लिए काफी कुछ करना होगा। चुनावी हार के बाद मैंने पार्टी अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया था। मैं अभी उन चीजों पर चर्चा नहीं करना चाहता।

विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चेहरा थे मेट्रोमैन

दरअसल, केरल में बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मेट्रोमैन ई.श्रीधरन को पेश किया था। हालांकि, बीजेपी को केरल में एक भी सीट नहीं मिली। यहां तक कि मेट्रोमैन श्रीधरन भी चुनाव हार गए। श्रीधरन पलक्कड़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़े थे लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी शफी परमभील से हार गए थे। केरल में बीजेपी की एकमात्र सीट नेमोम को भी गंवानी पड़ी थी। इस करारी हार के बाद शीर्ष नेतृत्व ने श्रीधरन से रिपोर्ट मांगी थी।

बीजेपी राज्य इकाई हैरान

ई.श्रीधरन की अचानक राजनीति से सन्यास से बीजेपी सकते हैं। केरल की बीजेपी इकाई, श्रीधरन के सन्यास लेने के फैसले से हैरान है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ही उनके सन्यास की सूचना है। वह बीजेपी के शुभचिंतक हैं, पार्टी उनसे हमेशा मार्गदर्शन लेती रहेगी।

कौन हैं मेट्रोमैन श्रीधरन?

मेट्रोमैन के नाम से मशहूर ई.श्रीधरन केरल के रहने वाले हैं। पेश से सिविल इंजीनियर ईश्रीधरन को दिल्ली-एनसीआर की लाइफलाइन दिल्ली मेट्रो को मूर्तरूप देने का श्रेय जाता है। वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो रेल निगम के निदेशक रहे। इन डेढ़ दशक के दौरान दिल्ली मेट्रो न केवल उत्तर प्रदेश के दो शहरों (नोएडा और गाजियाबाद), बल्कि हरियाणा के भी दो प्रमुख शहरों गाजियाबाद और नोएडा की शान बनी। दिल्ली मेट्रो फिलहाल दिल्ली के अलावा, एनसीआर के आधा दर्जन शहरों में दौड़ रही है। दिल्ली मेट्रो के जरिये दिल्ली-एनसीआर के तकरीबन 30 लाख रोजाना सफर करते हैं। मेट्रोमैन ई. श्रीधरन का कोंकण रेल और दिल्ली मेट्रो समेत देश के कई बड़े मेट्रो प्रोजेक्ट में उनका अहम योगदान रहा है। गोरखपुर में प्रस्तावित मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रारंभिक तैयारियों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 

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