सार
अफ्रीकी देश सूडान में हालात (Sudan Crisis) सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri) के तहत भारतीयों को निकालने का क्रम जारी है।
Operation Kaveri. संकटग्रस्त सूडान से भारतीयों का 22वां बैच सूडान पोर्ट के रास्ते जेद्दाह के लिए रवाना किया गया। इस बैच में कुल 135 भारतयी यात्री शामिल हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि 135 भारतीयों को लेकर वायुसेना का सी-130 जे विमान जेद्दाह के लिए डिपार्ट कर चुका है। इससे पहले बुधवार को 62 भारतीयों का एक दिल्ली नई दिल्ली पहुंचा।
सूडान में 7 दिनों के लिए सीजफायर का ऐलान
इस बीच यह भी जानकारी मिली कि सूडानी आर्म्ड फोर्सेस और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच 7 दिनों के लिए संघर्ष विराम पर समझौता हुआ है। सूडान के प्रेसीडेंट सल्वा कीर मयारडिट के अनुसार 4 मई से 11 मई तक दोनों फोर्सेस के बीच सीजफायर पर एग्रीमेंट किया गया है। इसके साथ ही दोनों बलों के बीच बातचीत करने पर भी सहमति बनी है। उम्मीद है बातचीत के जरिए दोनों फोर्सेस हालात को ठीक करने पर राजी होंगे।
यूनाइटेड नेशंस ने क्या दी है चेतावनी
यूनाइटेड नेशंस रिफ्यूजी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि यदि इसी तरह से सूडान में संकट जारी रहा तो करीब 8 लाख लोग देश छोड़ सकते हैं। वहीं हिंसा की वजह से दूसरे देश अपने नागरिकों को सूडान से बाहर निकालने का अभियान चला रहे हैं। भारत सरकार भी ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को निकाल रही है। इसमें एयरफोर्स के विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय दल पहले लोगों को जेद्दाह पहुंचा रहा है और वहां से दिल्ली, मुंबई, कोच्चि और अहमदाबाद जैसे शहरों में लोगों को पहुंचाया जा रहा है।
क्यों चलाना पड़ रहा है ऑपरेशन कावेरी?
अफ्रीकी देश सूडान में पैरामिलिट्री फोर्सेज और सूडानी सेना के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। दोनों के बीच भीषण संघर्ष छिड़ने के बाद देश में हालात काफी बिगड़ चुके हैं। फिलहाल सीजफायर का ऐलान किया गया है। भारत सरकार ने सूडान में रहने वाले भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया है। इसमें भारतीय नौसेना, वायुसेना और आर्मी की मदद ली जा रही है।
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