EAM S Jaishankar in Parliament: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि अब 'टेरर का जवाब टेरर' से मिलेगा। 26/11 के बाद जहां कांग्रेस चुप थी, वहीं आज भारत ने अपनी नई नीति तय कर दी है, नो न्यूक्लियर ब्लैकमेल, नो प्रॉक्सी टेरर।
EAM S Jaishankar in Parliament: लोकसभा में सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग आज पूछ रहे हैं कि भारत पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र तक क्यों नहीं गया, वे वही हैं जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले (26/11 Mumbai Attack) के बाद बेहतर जवाब चुप्पी माना था।
'26/11 के बाद जवाब शर्म-अल-शेख था'
जयशंकर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 26/11 नवंबर 2008 में हुआ, और जवाब था शर्म-अल-शेख (Sharm el-Sheikh)। उस समय की सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ मिलकर यह माना कि आतंकवाद दोनों देशों के लिए मुख्य खतरा है। इससे भी शर्मनाक बात यह थी कि उसमें बलूचिस्तान का जिक्र स्वीकार कर लिया गया।
‘नया नॉर्मल’ की 5 पॉलिसी प्वाइंट्स
विदेश मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नई आतंकवाद नीति है। उन्होंने बताया कि इसका ‘New Normal’ क्या है:
- आतंकियों को अब किसी देश का प्रॉक्सी नहीं माना जाएगा।
- सीमा पार से होने वाले आतंकवाद का तुरंत जवाब मिलेगा।
- आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते। अब सिर्फ आतंक पर ही बातचीत होगी।
- अब भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल से नहीं डरेगा।
- आतंकवाद और पड़ोसी मित्रता साथ नहीं चल सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
'डिप्लोमेसी और युद्ध दोनों फ्रंट पर तैयार थे'
जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले 25 अप्रैल से लेकर मिशन लॉन्च तक 27 कूटनीतिक कॉल्स उन्होंने खुद किए और पीएम मोदी ने लगभग 20 देश प्रमुखों से बात की। 35 से 40 देशों ने भारत को लिखित समर्थन दिया और UN सुरक्षा परिषद में भारत के प्रयासों से 25 अप्रैल को एक सख्त बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि आतंकी हमले के जिम्मेदारों को सजा मिलनी चाहिए।
'UNSC में भारत नहीं, पाकिस्तान था फिर भी भारत की बात मानी गई'
जयशंकर ने कहा कि UNSC में इस समय भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान सदस्य है, फिर भी हमने ये सुनिश्चित किया कि UNSC ने हमारे पक्ष में बयान दिया और आतंक की वैश्विक निंदा हुई।
'मोदी-ट्रंप के बीच कोई कॉल नहीं हुई'
कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून तक पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई कॉल नहीं हुई। किसी भी बातचीत में व्यापार और ऑपरेशन सिंदूर को जोड़ा नहीं गया। ये एक स्वतंत्र कार्रवाई थी।
'आज वही मालदीव हमें दो हवाईअड्डे बनवाने बुला रहा है'
विदेश मंत्री ने बताया कि दो दिन पहले पीएम मोदी मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर गेस्ट ऑफ ऑनर थे, वही मालदीव जिसने कांग्रेस के शासन में एक भारतीय कंपनी को एयरपोर्ट प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया था। अब वही देश भारत को दो नए एयरपोर्ट बनाने के लिए आमंत्रित कर रहा है।
'विपक्षी नेताओं को गलत जानकारी है'
जयशंकर ने विपक्षी नेता अरविंद सावंत पर निशाना साधते हुए कहा कि 33 देशों में गई 7 संसदीय प्रतिनिधि टीमें भारत के पक्ष को वैश्विक मंच पर पूरी ताकत से रख रही थीं। उनका स्वागत हुआ, विरोध नहीं।
