नई दिल्ली. निर्भया के हत्यारों की फांसी अलग-अलग हो सकती है या नहीं, इसपर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख टालने के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखा। तुषार मेहता ने कहा कि दोषियों के रवैये से साफ है कि वो कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। निर्भया के दोषियों को एक फरवरी को फांसी होनी थी, लेकिन दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी की तारीख को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया। इस बीच बताते हैं, निर्भया केस में जिन दोषियों को मौत देने में 7 साल से भी ज्यादा वक्त लग गया। उन्हें महज 3 दिन यानी 72 घंटों में पुलिस ने कैसे पकड़ लिया गया था।