एनसीपी-कांग्रेस के साथ बन रहे नए गठबंधन को लेकर शिवसेना, मौजूदा गठबंधन (एनडीए) से अलग होकर सरकार बनाने का ख्वाब पाल बैठी। शिवसेना के पास सहयोग करने वाले किसी भी दल का समर्थन नहीं था। सेना को वक्त चाहिए था, जो नतीजों के बाद निकल चुका था और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी देने को राजी नहीं हुए।