"जंग तब तक खत्म नहीं होती, जब तक आप घर वापस नहीं आ जाते..." यह शब्द फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिलीप पारुलकर के हैं, जिन्हें 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था। उनके साथ 15 और भारतीय पायलट थी, जिन्हें बंदी बनाकर रावलपिंडी के पास एक शिविर में रखा गया था।