सार

शीतकालीन सत्र में नौ विधेयक पारित किए गए। अब सभी नौ विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सिग्नेचर के बाद कानून बन जाएगा।

 

Parliament Winter session: लोकसभा औ राज्यसभा ने पुराने आपराधिक कानूनों - भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन विधेयक पारित किए। राज्यसभा ने दूरसंचार विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दे दी।

  1. शीतकालीन सत्र में नौ विधेयक पारित किए गए। अब सभी नौ विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सिग्नेचर के बाद कानून बन जाएगा।
  2. आपराधिक कानून विधेयकों के अलावा चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति पैनल और सरकार को दूरसंचार नेटवर्क पर कब्जा करने संबंधी विधेयक भी इस सत्र में पास कर दिए गए।
  3. दूरसंचार विधेयक सहित चार विधेयक लगभग खाली संसद में बिना किसी झंझट के पास हो गया। दरअसल, विपक्ष के अधिकतर सांसद निलंबित हैं। विधेयक बुधवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया। उस समय विपक्ष का लगभग कोई सांसद नहीं था।
  4. 140 में 100 सांसद निलंबित हैं। गुरुवार दोपहर को राज्यसभा में विधेयक जब पारित कर दिया गया तो वहां भी विपक्ष के 46 सांसद निलंबित थे।
  5. सत्र के दौरान केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक में संशोधन, आयकर रिफंड और दिल्ली में अनधिकृत इमारतों की सुरक्षा, संबंधी विधेयक भी पारित हुए।
  6. तीन आपराधिक कानून विधेयक बुधवार को बिना किसी चुनौती के लोकसभा से पारित हो गए। उन्हें गुरुवार शाम राज्यसभा में पेश (और पारित) किया गया।
  7. इस सत्र में दो जम्मू और कश्मीर विधेयकों में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। एक महिलाओं के लिए विधानसभा सीटों (जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी में) की एक तिहाई सीटें आरक्षित करता है और दूसरा कश्मीरी प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और एक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से जम्मू-कश्मीर सदन में नामांकित करता है।
  8. 2024 के चुनाव से पहले की यह आखिरी सत्र था। 13 दिसंबर को सिक्योरिटी उल्लंघन के लिए जवाबदेही तय करने के लिए विपक्षी सांसद मांग कर रहे थे और उनको सस्पेंड कर दिया गया।
  9. संसद ने अनियमित आचरण के लिए 100 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से और 46 को राज्यसभा से निलंबित कर दिया। यह लगभग सभी विपक्षी सांसदों का दो-तिहाई है लेकिन इसमें उन पार्टियों को शामिल नहीं किया गया है जो कभी-कभी भाजपा को बाहरी समर्थन की पेशकश करती हैं।
  10. गुरुवार के सत्र से पहले, निलंबित सांसदों ने लोकतंत्र बचाओ बैनर और तख्तियां लेकर एक विरोध मार्च निकाला।

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