सार
रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का मंगलवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वो बीते काफी समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।
स्वामी स्मरणानंद की मौत। रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का मंगलवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वो बीते काफी समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। इसके वजह से वो 29 जनवरी से लगातार अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पेशाब के रास्ते में संक्रमण होने की वजह से 29 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सेप्टीसीमिया हो गया और 3 मार्च को उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें किडनी की भी समस्या है।
स्वामी स्मरणानंद महाराज की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया और शोक जताते हुए कहा कि रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने अनगिनत दिलों और दिमागों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। सालों से मेरा उनसे बहुत गहरा रिश्ता रहा है। मुझे 2020 में बेलूर मठ की यात्रा याद है, जब मैंने उनसे बातचीत की थी। कुछ हफ्ते पहले कोलकाता में भी मैंने अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। मेरी संवेदनाएं बेलूर मठ के अनगिनत भक्तों के साथ हैं। ओम शांति।
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री मोदी हालिया पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान अस्पताल में स्वामी स्मरणानंद महाराज से मुलाकात की थी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उनसे मिलने अस्पताल गई थी। सीएम ममता बनर्जी ने भी स्वामी स्मरणानंद महाराज की मौत पर शोक जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि रामकृष्ण मठ और मिशन के श्रद्धेय अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद जी महाराज के आज रात निधन की खबर से गहरा दुख हुआ।
इस महान भिक्षु ने अपने जीवनकाल के दौरान रामकृष्णवादियों की विश्व व्यवस्था को आध्यात्मिक नेतृत्व दिया है और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए सांत्वना का स्रोत बने हुए हैं। मैं उनके सभी साथी भिक्षुओं, अनुयायियों और भक्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।
रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें अध्यक्ष थे स्वामी स्मरणानंद
बता दें कि स्वामी स्मरणानंद का जन्म 1929 में तमिलनाडु के तंजावुर में हुआ था और वह 1952 में 22 साल की उम्र में रामकृष्ण मिशन में शामिल हो गए थे।स्वामी आत्मस्थानंद की मृत्यु के बाद स्वामी स्मरणानंद महाराज ने रामकृष्ण मठ और मिशन के 16 वें अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था।