सार

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। देशभर में उनके निधन पर शोक व्यक्त किया जा रहा है, प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी और बिजनेस जगत की कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

बिजनेस डेस्क : दिग्गज उद्योगपति टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र (Ratan Tata Death) में निधन हो गया। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दो दिन पहले ही उनके ICU में एडमिट होने की खबर थी लेकिन तब उन्होंने खुद के ठीक होने की बात कही थी। बता दें कि रतन टाटा अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। उनकी उपलब्धियों की वजह से साल 2000 में उन्हें पद्म भूषण और 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके निधन पर देशभर में शोक है। पीएम मोदी-राहुल गांधी और बिजनेस जगत की कई हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है।

एन चंद्रशेखरन

रतन टाटा के निधन पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शोक जताते हुए कहा, 'हम अत्यंत क्षति भावना से रतन टाटा जी को विदाई दे रहे हैं। ग्रुप के लिए वह सिर्फ चेयरपर्सन नहीं, उससे कीं बड़े थे। मेरे लिए हमेशा गुरु, मार्गदर्शक और मित्र की भूमिका में रहें।'

 

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

'देश ने एक ऐसे आइकॉन को खोया है, जिन्होंने कॉरपोरेट ग्रोथ के साथ राष्ट्र निर्माण और नैतिकता में उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को ऊंचाईयों पर पहुंचाया है।'

 

 

पीएम नरेंद्र मोदी

'रतन टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे। उन्होंने देश के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को नेतृत्व दिया। उनका योगदान बोर्ड रूम से भी आगे तक गया।'

 

 

राहुल गांधी

'रतन टाटा जी दूरदृष्टि वाले इंसान थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली अमिट छाप छोड़ी है। उनकी फैमिली और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।'

 

 

सुंदर पिचाई

'रतन टाटा जी से पिछली मुलाकात में उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था। वे एक्स्ट्राऑर्डिनरी बिजनेस लीगेसी को छोड़कर गए हैं। उन्होंने भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को मार्गदर्शन देने और आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई'

 

 

आनंद महिंद्रा

'मैं रतन टाटा जी की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। उनको भुलाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि महापुरुष कभी मरते नहीं।'

 

 

गौतम अडाणी

'देश ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्तित्व खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रिडिफाइन करने का काम किया। वे सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं बल्कि करुणा के साथ देश की भावना को मूर्त रूप देने वाले थे।'

 

 

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