सार

रविवार को बीजेपी और टीएमसी के लोग आपस में भिंड गए। बीजेपी समर्थकों ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ता पर हमला कर दिया। इसके बाद मामला बिगड़ गया है। पुलिस को दंगा नियंत्रण बल बुलाना पड़ा।

 

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के संदेसखाली द्वीप पर राजनैतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यौन उत्पीड़न, जमीन कब्जा के मामले को लेकर विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि रविवार को बीजेपी और टीएमसी के लोग आपस में भिंड गए। बीजेपी समर्थकों ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ता पर हमला कर दिया। इसके बाद मामला बिगड़ गया है। पुलिस को दंगा नियंत्रण बल बुलाना पड़ा।

बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन

बीजेपी ने रविवार को संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। प्रदर्शन में बीजेपी के लोग अपने कार्यकर्ताओं पर टीएमसी सरकार द्वारा फर्जी मामलों में फंसाने का आरोप लगा रहे थे। विरोध प्रदर्शन में बीजेपी प्रत्याशी रेखा पात्रा भी शामिल रहीं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीजेपी कार्यकर्ता को फंसाकर फर्जी वीडियो बनाया और उसे फैलाया गया। इस वीडियो को फैलाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। बीजेपी की एक महिला नेता ने कहा कि तृणमूल सरकार हमें परेशान कर रही है क्योंकि उनके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक रही है। संदेशखाली की माताएं अपने सम्मान के लिए सड़कों पर उतरी हैं।

बताया जा रहा है कि इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक टीएमसी कार्यकर्ता पर हमला बोल दिया। तृणमूल विधायक सुकुमार महतो के सहयोगी तातन गायेन पर स्थानीय पुलिस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर हमला किया गया। हमले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। दंगा नियंत्रण बल को बुलाया गया और किसी तरह मामला शांत कराया गया।

अपने सहयोगी पर हमले की घटना के बाद प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी विधायक सुकुमार महता ने कहा कि किसी ने हमले के लिए उकसाया होगा। उन्होंने थाने का घेराव किया था तो फिर हमले के लिए किसने उकसाया। क्या यह राजनीतिक शालीनता है?

बीजेपी ने कहा-कोई कानून नहीं

स्थानीय बीजेपी नेता सजल घोष ने कहा कि संदेशखाली में 12 साल से कोई कानून नहीं है। आज तक तृणमूल ने जिसे चाहा उसे पीटा। हमारे तीन कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनके शव नहीं मिले। इसलिए आज की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण नहीं कहा जा सकता।

शेख शाहजहां की वजह से आया सुर्खियों में...

उत्तर 24 परगना का संदेशखाली यहां के ताकतवर नेता शेख शाहजहां की वजह से सुर्खियों में आया। सैकड़ों महिलाओं ने जमीन हड़पने, वसूली करने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसी दौरान राशन कार्ड घोटाले की जांच करने पहुंची ईडी की टीम पर हमला के लिए भीड़ को कथित तौर पर उकसाने का आरोप भी शाहजहां पर लगा। हाईकोर्ट के आदेश पर बंगाल पुलिस ने शाहजहां को अरेस्ट कर सीबीआई को सौंपा।

बीजेपी नेता का संदेशखाली यौन उत्पीड़न को खारिज करने वाला वीडियो वायरल

हालांकि, बीते दिनों इस मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ आया। एक वायरल वीडियो में बीजेपी नेता गंगाधर कोयल कथित तौर पर यह कहते हुए नजर आ रहे कि संदेशखाली में कोई बलात्कार या यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था। महिलाओं को बंगाल में विपक्ष के नेता, भाजपा के सुवेंदु अधिकारी के निर्देश पर शिकायत दर्ज करने के लिए राजी किया गया था। वीडियो में बीजेपी और नेता ने दावा किया है कि क्लिप के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके अलावा एक और खुलासा हुआ कि एक महिला ने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े लोगों ने उससे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए और फिर उसके नाम पर झूठी बलात्कार की शिकायत लिखी।

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