सार

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक बताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लेख लिखकर कोर्ट के फैसले की सराहना की है।

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस फैसले की सराहना की है और कहा है कि इसने "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की भावना को मजबूत किया है।

प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी न्यूज पेपर The Hindu में लेख लिखा है। इसमें पीएम ने लिखा, "11 दिसंबर को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत किया है। इसने हमें याद दिलाया है कि जो चीज हमें परिभाषित करती है वह सुशासन के प्रति साझा प्रतिबद्धता और एकता के बंधन हैं।"

कोर्ट ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा

पीएम मोदी ने लिखा, "अपने फैसले से कोर्ट ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा है। कोर्ट ने सही कहा कि 5 अगस्त 2019 को लिया गया फैसला संवैधानिक एकीकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था, न कि विघटन के उद्देश्य से।"

आजादी के समय राष्ट्रीय एकता के लिए नई शुरुआत करने का विकल्प था

जम्मू-कश्मीर मामले में कांग्रेस के स्टैंड पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, "आजादी के बाद बहुत बुनियादी चीजों पर स्पष्ट पोजिशन लेने की जगह देश ने द्वंद्व की अनुमति दी, जिससे भ्रम पैदा हुआ। दुख की बात है कि जम्मू-कश्मीर इस तरह की मानसिकता का बड़ा शिकार बन गया। आजादी के समय, हमारे पास राष्ट्रीय एकता के लिए एक नई शुरुआत करने का विकल्प था। इसके बजाय, हमने भ्रमित-समाज दृष्टिकोण को जारी रखने का फैसला किया। इसके चलते लंबे समय में राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की गई।"

यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir Article 370: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने जताई खुशी, एक ने लिखा-'कितने गाजी आए, कितने गाजी गए'

2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में बेहतर हुआ माहौल

लेख में पीएम मोदी ने कहा, "यह हमेशा मेरा दृढ़ विश्वास था कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ वह हमारे देश और वहां रहने वाले लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात था।" पीएम ने कहा कि 2019 के बाद से यहां माहौल बेहतर हुआ है। आज लोगों के सपने अतीत के कैदी नहीं हैं बल्कि भविष्य की संभावनाएं हैं। विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने मोहभंग, निराशा और हताशा का स्थान ले लिया है।

यह भी पढ़ें- संसद में बोले अमित शाह: जम्मू-कश्मीर पर फैसला अगर गलत साबित हुआ तो हम, प्रधानमंत्री और पूरी कैबिनेट लेगी जिम्मेदारी