सार
नए संसद भवन (New Parliament Building) को आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्तंभ क्यों कहा जा रहा है? ऐसा इसलिए क्योंकि नए संसद का डिजाइन भारतीय फर्म और इसका निर्माण भी भारतीय कंपनी ने किया है।
New Parliament Building Design. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे और यह शानदार इमारत को देश के नाम समर्पित कर देंगे। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि नए संसद भवन का डिजाइन भारतीय फर्म ने तैयार किया है। इसके मेन आर्किटेक्ट भी भारतीय हैं और इसका निर्माण भी भारतीय कंपनी ने ही किया है। यानि नया संसद भवन पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है।
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने तैयार किया है नया संसद भवन
नए संसद भवन का निर्माण भारत की ही स्वदेशी कंपनी ने किया है। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने संसद भवन निर्माण का टेंडर जीता था। इस टेंडर के लिए लार्सन एंड टुब्रो ने भी अप्लाई किया था लेकिन प्रोजेक्ट टाटा ग्रुप को अवार्ड किया गया। इस प्रोजेक्ट को सेंट्रल विस्टा रिडेवपमेंट प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है और टाटा ग्रुप ने करीब 862 करोड़ रुपए में तैयार करने की पेशकश की थी।
गुजरात के आर्किटेक्ट फर्म ने तैयार किया नए संसद भवन का डिजाइन
निर्माण के बारे में आपने जान लिया और अब यह भी जान लें कि इसका डिजाइन किस स्वदेशी कंपनी ने तैयार किया है। गुजरात की आर्किटेक्ट फर्म एचसीपी डिजाइंस ने नए संसद भवन का डिजाइन तैयार किया है। नए संसद भवन के चीफ आर्किटेक्ट का नाम बिमल पटेल है और वे अब तक कई बड़ी इमारतों की डिजाइन तैयार कर चुके हैं। बिमल पटेल को आर्किटेक्चर के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियों की वजह से ही 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
नए संसद भवन में एक साथ बैठ सकते हैं 1280 सांसद
नए संसद भवन का निर्माण भविष्य को देखते हुए किया गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 1200 करोड़ रुपए की लागत आई है। इसमें राज्यसभा के 384 सदस्यों के लिए सीटिंग अरेंजमेंट हैं जबकि लोकसभा में 888 सांसद बैठ सकते हैं। दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन हुआ तो एक साथ 1280 सांसद बैठ सकते हैं। नए संसद भवन की हर सीट पर मल्टीमीडिया डिस्प्ले लगाया गया है जो कि सांसदों को संचार का नया अनुभव देने वाला होगा। इसके एरिया की बात करें तो यह करीब 65,000 वर्गमीटर में फैला हुआ। नया संसद भवन 4 मंजिला है और एंट्री के लिए मुख्य तौर पर 3 गेट बनाए गए हैं। इन गेटों का नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार है।
नया संसद भवन डिजाइन करने वाली कंपनी ने यह भी डिजाइन किया
देश के जाने माने आर्किटेक्ट बिमल पटेल के नाम संसद भवन का डिजाइन तैयार करने के अलावा और भी उपलब्धियां हैं। उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर वाराणसी, गुजरात की नई हाईकोर्ट बिल्डिंग, आईआईएम अहमदाबाद कैंपस, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय, साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट सहित टाटा सीजीपीएल टाउनशिप की डिजाइंस तैयार की हैं।
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने यह निर्माण भी किए हैं
- भारत के नए संसद भवन का निर्माण किया
- देश में कई फैक्ट्रियों का निर्माण किया है
- मुंबई के सांताक्रूज में जिंजर होटल का निर्माण
- जिंजर होटल के निर्माण की पूरी टीम महिलाएं
- गुजरात में नेशनल मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्पलेक्स
- दिल्ली में दो स्मॉग कंट्रोल टॉवर का निर्माण
- इंटीग्रल रेल कोच मैन्युफैक्चरिंग फैक्टरी चेन्नई
- नोएडा में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जेवर एयरपोर्ट
- महाराष्ट्र ठाणे में पिरामल बैकुंठ प्रोजेक्ट
- राजस्थान में आईआईटी जोधपुर कांपलेक्स
- कोंझार मेडिकल कॉलेज और डाटा सेंटर
टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड: रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट तक का निर्माण
नए संसद भवन का निर्माण करने वाली टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के निर्माण का टेंडर भी हासिल किया है। कंपनी जेवर एयरपोर्ट के रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग, सड़क, सुविधाएं, एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य भवनों का निर्माण शामिल है। इससे पहले यह कंपनी प्रयागराज हवाई अड्डा टर्मिनल बना चुकी है। टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, यूएई, केन्या, इथियोपिया, थाईलैंड सहित दुनिया के 10 देशों में निर्माण कार्यों में सक्रिय है। कंपनी का वार्षिक रेवेन्यू 10 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।
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