सार
'नए नास्त्रेदमस' कहे जाने वाले ज्योतिषी कुशाल कुमार ने भविष्यवाणी की है कि 29 जून को तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत होगी। इससे पहले उन्होंने 10 जून और 18 जून 2024 की तारीख दी थी।
नई दिल्ली। 'नए नास्त्रेदमस' (New Nostradamus) या भारत के 'नास्त्रेदमस' के रूप में पहचाने जाने वाले ज्योतिषी कुशाल कुमार ने पहले 10 जून और फिर 18 जून 2024 को तीसरा विश्व युद्ध (World War 3 ) की भविष्यवाणी की थी।
कुशाल कुमार ने बताया है कि इजरायल और हमास के बीच लड़ाई चल रही है। वहीं, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया, चीन और ताइवान तथा रूस व नाटो के बीच तनाव बढ़ रहा है। इसके चलते तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है। उन्होंने तीसरा विश्व युद्ध शुरू होने की एक नई तारीख दी है। यह 29 जून 2024 है। कुशाल कुमार ने कहा कि उनकी भविष्यवाणियां वैदिक ज्योतिष चार्ट पर आधारित हैं।
कुशाल कुमार ने कहा कि नाटो देशों के लगभग 9000 सैनिक जून 2024 में बाल्टिक सागर क्षेत्र में सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे। रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण किए जाने के बाद से बाल्टिक सागर रणनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है।
मानव इतिहास का सबसे घातक संघर्ष का द्वितीय विश्व युद्ध
बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध मानव इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे घातक संघर्ष था। इस लड़ाई में 50 से अधिक देश शामिल थे। यह दुनिया के लगभग हर हिस्से में जमीन, समुद्र और हवा में लड़ा गया था। द्वितीय विश्व युद्ध महामंदी के आर्थिक संकट और प्रथम विश्व युद्ध के अंत के बाद अनसुलझे राजनीतिक तनावों के कारण हुआ था।
1939 में शुरू हुआ था द्वितीय विश्व युद्ध
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 में नाजी जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण किए जाने के साथ शुरू हुआ था। 1945 तक यह पूरी दुनिया में फैल गया। जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराए जाने के बाद इसका अंत हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में 6-8 करोड़ लोग मारे गए थे। इनमें से 5.5 करोड़ नागरिक शामिल थे। यूरोप और एशिया के कई शहर मलबे में बदल गए थे।
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1914 में शुरू हुआ था प्रथम विश्व युद्ध
प्रथम विश्व युद्ध 1914 में ऑस्ट्रिया के आर्चड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या के बाद शुरू हुआ था। उनकी हत्या ने पूरे यूरोप में युद्ध को जन्म दिया। यह 1918 तक चला। जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, बुल्गारिया और ओटोमन साम्राज्य (केंद्रीय शक्तियाँ) ने ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, रोमानिया, कनाडा, जापान और अमेरिका के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई में 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को मौत हुई थी।