सार

FIFA lifts ban from AIFF: भारतीय फुटबॉल फेडरेशन का विवाद अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर बढ़ा जिसके बाद फीफा ने बैन लगा दिया। आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल अध्यक्ष की कुर्सी पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी जमे रहे। वह 2009 में अध्यक्ष बनें थे। 2020 में कार्यकाल खत्म होने के बाद भी वह पद नहीं छोड़े। इसको लेकर विवाद बढ़ा। मामला कोर्ट तक पहुंचा। विवाद बढ़ने के बाद फीफा ने बैन लगा दिया था।

नई दिल्ली। फीफा (FIFA) ने ऑल इंडिया फुटबाल महासंघ (All India Football Federation) का निलंबन हटा दिया है। विश्व फुटबाल (World Football) की गवर्निंग बॉडी फीफा ने शुक्रवार को यह ऐलान किया है। भारत पर से प्रतिबंध हट जाने के बाद अब अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 (U-17 Women's World Cup 2022) की मेजबानी का रास्ता साफ हो गया है। फीफा ने बैन लिफ्ट करते समय यह कहा कि ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन पर किसी तीसरे पक्ष का दखल नहीं हो सकता है। फुटबाल संघ में कोर्ट की बनाई कमेटी नियमों के अनुसार अपना काम कर रही थी।

फीफा ने इसलिए हटाया बैन

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन फॉर फुटबाल यानी FIFA ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर बीते दिनों प्रतिबंध लगाया था। हालांकि, फीफा ने अब प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने का फैसला किया। इसके बाद फीफा ने प्रतिबंध हटा दिया। एआईएफएफ में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण फीफा ने प्रतिबंध लगाया था। भारतीय फुटबाल फेडरेशन पर प्रतिबंध लगाने के बाद फीफा ने कहा था कि तीसरे पक्ष के अत्यधिक हस्तक्षेप के कारण अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलंबित करने का फैसला किया गया था।

क्या कहा फीफा ने?

भारतीय फुटबाल फेडरेशन पर प्रतिबंध हटाने के निर्णय पर बयान जारी कर कहा कि फीफा कई मुद्दों पर पुष्टि मिलने के बाद बैन हटाने का निर्णय ले रहा है। फीफा को आश्वस्त किया गया है कि भारतीय फुटबाल फेडरेशन की एक्जीक्यूटिव कमेटी की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए स्थापित प्रशासकों की समिति (सीओए) को समाप्त कर दिया गया है। एआईएफएफ प्रशासन ने एआईएफएफ के रोजाना के मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है।  फीफा और एएफसी स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे और समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ का समर्थन करेंगे।

क्या था विवाद?

दरअसल, भारतीय फुटबॉल फेडरेशन का विवाद अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर बढ़ा जिसके बाद फीफा ने बैन लगा दिया। आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल अध्यक्ष की कुर्सी पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी जमे रहे। वह 2009 में अध्यक्ष बनें थे। 2020 में कार्यकाल खत्म होने के बाद भी वह पद नहीं छोड़े। इसको लेकर विवाद बढ़ा। मामला कोर्ट तक पहुंचा। विवाद बढ़ने के बाद फीफा ने बैन लगा दिया था।

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