सार

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शुक्रवार को वर्ल्ड के नंबर-1 पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के हाजी अलीयेव (Haji Aliyev) से भिड़े। जिसमें बजरंग को 12-5  से हार का सामना करना पड़ा।

स्पोर्ट्स डेस्क : पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा वर्ग (men's Freestyle 65kg) में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद बजरंग पूनिया सेमीफाइनल हार गए। उनका मुकाबला अजरबैजान के हाजी अलीयेव से हुआ। हाजी अलीयेव रियो ओलंपिक 2016 के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट और तीन बार के विश्व चैंपियन रहे हैं। हालांकि, बजरंग ने दो साल पहले प्रो रेसलिंग लीग में अलीयेव को हराया था। 

पहले पीरियड में बजरंग पूनिया हाजी अलीयेव से 4-1 से पिछड़ गए थे। इसके बाद दूसरे पीरियड हाजी भारतीय पहलवान पर हावी रहे और 9-1 से बढ़त हासिल की। इसके बाद बजरंग ने वापसी करते हुए 2-2 प्वाइंट हासिल किए और 9-5 स्कोर किया। लेकिन हाजी ने फिर दाव लगाया और मैच को 12-5 के साथ खत्म किया। 

बजरंग की शानदार शुरुआत
इससे पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में  वर्ल्ड के नंबर-1 पहलवान बजरंग पूनिया ने ईरान के मुर्तजा चेका घियासी (Morteza CHEKA GHIASI) को हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया था। इस मैच में उन्होंने आखिर की चंद सेकेंड में ईरानी पहलवान को चित करते हुए मुकाबला ही खत्म कर दिया था।

वहीं, शुक्रवार के दिन की शुरुआत भी उन्होंने जीत के साथ की और लगातार 2 जीत हासिल की। इस मुकाबले में बजरंग और किर्गिस्तान के एर्नाज़र अक्मतालिएव को 3-3 अंक मिले, लेकिन तकनीकी आधार पर बजरंग को विजेता घोषित किया गया। इस मुकाबले के पहले पीरियड को भारतीय पहलवान ने 3-1 से अपने नाम किया था। दूसरे पीरियड में आखिरी 30 सेकंड में एर्नाज़र ने अचानक आक्रामक रुख दिखाते हुए 2 अंक जुटाकर बराबरी कर ली। आखिर में बजरंग को ज्यादा बड़ा दांव लगाने के चलते उन्हें विजेता घोषित किया गया।

ऐसा रहा बजरंग का करियर 
बजरंग पूनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को हुआ था। उन्होंने 2018 के एशियन खेलों में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा  में गोल्ड मेडल जीता था। जबकि 2014 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा उन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में तीन मेडल जीते हैं। 2018 में उन्होंने सिल्वर मेडल जबकि, 2013 और 2019 में उन्होंने ब्रॉज मेडल जीते थे। वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 2018 में गोल्ड मेडल जबकि 2014 में सिल्वर मेडल जीता था। 

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