सार

Tokyo Paralympics 2020: भारतीय शटलर कृष्णा नागर (Krishna Nagar) ने SH6 पुरुष एकल फाइनल मैच में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को 2-1 से हराकर गोल्ड मेडल जीता है। 

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो पैरालंपिक 2020 का आखिरी दिन भारत के लिए शानदार रहा। एक तरफ नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट और पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतिराज (Suhas Yathiraj) ने पुरुष एकल SL4 स्पर्धा के फाइनल में सिल्वर मेडल जीता, तो दूसरी ओर भारतीय शटलर कृष्णा नागर ने पुरुष एकल एसएच6 फाइनल मैच में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को 2-1 से हराकर पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीता। 

वहीं, कृष्णा नागर की जीत के बाद पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- हमारे बैडमिंटन खिलाड़ियों को टोक्यो पैरालिंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देखकर खुशी हुई। कृष्णा नागर का सर्वश्रेष्ठ कारनामा हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान लाया है। उन्हें गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई। उनके आगे के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं। 

इस मैच के पहले राउंड में दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल दिखाया। गेम अंतराल के समय चू मान काई के पास 11-10 की मामूली बढ़त थी। फिर 15-17 से पिछड़ने के बाद कृष्णा नागर ने लगातार 6 अंक बटोरकर पहला गेम को 14 मिनट में 21-17 से अपने नाम कर लिया। दूसरे सेट में चू मान काई ने वापसी की और शुरुआत में 11-7 की बढ़त हासिल की। मान काई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी लय जारी रखी और दूसरे गेम को 14 मिनट में 21-16 से जीतकर गेम को फाइनल राउंड तक ले गए। 

तीसरे और निर्णायक गेम में कृष्णा नागर शानदार प्रदर्शन करते हुए स्कोर 7-2 कर दिया। इस बढ़त को बरकरार रखते हुए नागर ने हाफ टाइम तक 11-7 की बढ़त हासिल कर ली। चू मान काई ने इसके बाद कुछ बेहतरीन अंक बटोर कर स्कोर को 14-14 से बराबर कर दिया। लेकिन कृष्णा नागर ने शानदार खेल दिखाते हुए 15 मिनट में तीसरा गेम 21-17 से जीतकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। वहीं,  चू मान काई को सिल्वर से संतोष करना पड़ा।

इससे पहले रविवार को ही नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट सुहास एल यतिराज ने फ्रांस के लुकास मजूर के खिलाफ पुरुष एकल एसएल4 स्पर्धा के फाइनल में हारकर रजत पदक जीता। लुकास ने 1 घंटे 2 मिनट में 15-21, 21-17, 21-15 से जीत दर्ज की।

इसी के साथ टोक्यो पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 19 हो गई है। जिसमें भारत के पास 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल हैं। यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का अबतक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। इससे पहले रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे।

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