सार
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) जसमीत सिंह ने कहा कि एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिव कुमार और पवन कुमार के नेतृत्व में स्पेशल सेल ने सीडी पार्क में वसीम अकरम को अरेस्ट किया है। जसमीत सिंह ने बताया कि 'रॉबिनहुड' की छवि वाले वसीम को आनंद विहार के पास से गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली। पुलिस (Delhi Police) ने दिल्ली क्षेत्र में बड़ा गैंग चलाने वाले एक गैंगेस्टर को गिरफ्तार किया है। गैंगेस्टर पर पुलिस पर फायरिंग सहित 35 गंभीर आपराधिक केस में वांटेड था। हालांकि, जहांगीरपुरी क्षेत्र में उसकी छवि अपराधी की नहीं बल्कि 'रॉबिनहुड' की है। बड़े घरों में चोरियां करके वह क्षेत्र के गरीबों को वह पैसे बांटता था। कथित 'रॉबिनहुड' के गिरोह में 25 सदस्य हैं।
कौन है जहांगीरपुरी का 'रॉबिनहुड'?
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने जहांगीरपुरी इलाके के 'रॉबिनहुड' माने जाने वाले व्यक्ति को रविवार को अरेस्ट किया। गिरफ्तार अपराधी का नाम वसीम अकरम बताया जा रहा है। वसीम अकरम उर्फ लम्बू (27) पहले दिल्ली में 125 से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल था। कई दर्जन मामलों में कथित 'रॉबिनहुड' कोर्ट से भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
कैसे हुआ गिरफ्तार, जानिए पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) जसमीत सिंह ने कहा कि एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिव कुमार और पवन कुमार के नेतृत्व में स्पेशल सेल ने सीडी पार्क में वसीम अकरम को अरेस्ट किया है। जसमीत सिंह ने बताया कि 'रॉबिनहुड' की छवि वाले वसीम को आनंद विहार के पास से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से .315 बोर की एक सिंगल शॉट पिस्टल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। वसीम पर आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास पुलिस टीम पर गोलीबारी करने का भी आरोप है। वसीम 35 मामलों में वांटेड था। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार और हरियाणा के शहरों में रह रहा था। वह लगातार अपने ठिकानों को बदल रहा था ताकि उसकी कोई रेकी न कर सके।
गिरोह का मास्टरमाइंड व सरगना था वसीम
जहांगीरपुरी के कुख्यात अपराधी वसीम के गिरोह में कम से कम 25 अपराधी शामिल थे। चोरों का यह गिरोह पूरे दिन दिल्ली के विभिन्न पॉश क्षेत्रों की रेकी करते थे। रात में यह लोग रेकी की गई जगह में सेंधमारी या ताला तोड़कर नकदी व आभूषण चुराते थे। हालांकि, चोरों के इस सरगना की जहांगीरपुरी क्षेत्र में रॉबिनहुड की छवि थी। वह गरीबों की आर्थिक मदद करता था। इसका लाभ उसे पुलिस से बचने में भी मिलता रहा।
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