सार

रवि नाइक के इस्तीफे के साथ, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की गिनती घटकर सिर्फ तीन रह गई है। अक्टूबर में पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो ने भी पार्टी से किनारा कर लिया था और बाद में वो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

पणजी : गोवा विधानसभा चुनाव (Goa elections 2022) से ठीक पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। राज्य में अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम रवि नाइक (Ravi Naik) ने मंगलवार को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। पोंडा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले नाइक ने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर को अपना इस्तीफा सौंपा। उनके साथ उनके दो बेटे भी थे, जो पिछले साल सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हुए थे। नाइक के इस्तीफे के साथ, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की गिनती घटकर सिर्फ तीन रह गई है। अक्टूबर में पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो ने भी पार्टी से किनारा कर लिया था और बाद में वो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए थे।

बीजेपी में हो सकते हैं शामिल
इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए रवि नाइक ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही मैं आपको बताऊंगा कि आगे की रणनीति क्या होगी। जानकारी के मुताबिक, नाइक के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं। वो बीजेपी के गोवा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो सकते हैं। वहीं रवि नाइक के छोटे बेटे रॉय नाइक ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से भाजपा में शामिल होने का अनुरोध किया है।

रवि नाइक की हो सकती है घर वापसी
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) से राजनीतिक करियर की शुरआत करने वाले नाइक बाद में कांग्रेस (congress) में शामिल हो गए थे और अब वो बीजेपी (BJP) में शामिल होने वाले हैं। रवि नाइक 25 जनवरी 1991 से 18 मई 1993 और 2 अप्रैल 1994 से 8 अप्रैल 1994 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे थे। अगर वे बीजेपी में जाते हैं तो यह दूसरी बार होगा जब नाइक बीजेपी में शामिल होंगे। इससे पहले अक्टूबर 2000 में वह बीजेपी में शामिल हुए थे, जब मनोहर पर्रिकर ने कई दलों के विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाई थी। उनकी सरकार में नाइक डिप्टी सीएम बने थे। हालांकि 2002 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

कांग्रेस को झटके पर झटके
2017 में हुए गोवा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 17 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया था, वहीं 13 सीटों पर जीत हासिल करके बीजेपी ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। गोवा में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को कुछ क्षेत्रीय संगठनों और निर्दलीय उम्मीदवारों का सहारा लेना पड़ा था। हालांकि, सरकार बनने के बाद से कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। 2017 में हुए चुनावों के बाद वालपोई विधायक विश्वजीत राणे कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले पहले नेता थे। मौजूदा वक्त में राणे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हैं। राणे के कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ दिनों के अंदर ही कांग्रेस के दो और विधायक- सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। दोनों ने ही मई 2019 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी। गोवा कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जुलाई 2019 में लगा था, तब पार्टी के 10 विधायकों के एक समूह ने तत्कालीन विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में पार्टी छोड़ दी थी, मौजूदा वक्त में कावलेकर गोवा के उप मुख्यमंत्री हैं।

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