सार

धर्मवीर गांधी कहते हैं कि आदमी पार्टी का पंजाब में कुछ नहीं बनने वाला। यह सिर्फ दिखावा कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) निरंकुश है। किसी की बात नहीं सुनते। हमेशा अपनी बात बड़ी रखना चाहते हैं।

मनोज ठाकुर, पटियाला 
पटियाला  : केजरीवाल कोई बदलाव नहीं ला सकता। वह झूठ बोलता है। उसका सब कुछ फर्जी है। यहां तक की खांसी भी। यह कहना है पटियाला से आम आदमी पार्टी (AAP)  के पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी (Dharamvir Gandhi) का। विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का पंजाब में कुछ नहीं बनने वाला। यह सिर्फ दिखावा कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) निरंकुश है। किसी की बात नहीं सुनते। हमेशा अपनी बात बड़ी रखना चाहते हैं। यही वजह है कि पार्टी में जो भी कोई केजरीवाल को थोड़ी सी भी चुनौती देता था, उसे योजना बना कर बाहर कर दिया गया है। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश 

सवाल 
आम आदमी पार्टी क्या पंजाब में कोई बदलाव कर सकती है?

जवाब 
बिलकुल नहीं। यह उन सभी राजनीति पार्टियों की तरह है, जो वोट के लिए कुछ भी बोल सकते हैं। आम आदमी पार्टी कोई बदलाव नहीं कर सकती। पंजाब के मतदाता के साथ झूठ बोला जा रहा है। क्योंकि अरविंद केजरीवाल को पता है कि कैसे मदताता को भ्रमाया जा सकता है। वह इसका फायदा पंजाब के भोले भाले मतदाता को भ्रमा कर उठाना चाह रहे हैं। 

सवाल 
आम आदमी पार्टी पंजाब में सीएम चेहरा क्यों घोषित नहीं कर रही है, इसके पीछे उनकी सोच क्या है?

जवाब 
केजरीवाल कभी नहीं चाहेंगे कि पार्टी में कोई उनके बराबर आ जाए। पंजाब पूर्ण राज्य है। दिल्ली अभी भी पूर्ण राज्य नहीं है। यदि पंजाब में कोई दूसरा सीएम बनता है तो केजरीवाल का कद पार्टी में छोटा हो सकता है। इसलिए सांसद भगवंत मान को वह सीएम घोषित नहीं करेंगे। फोन पर जनता से सीएम का नाम बताने के पीछे भी उनकी यही सोच है। वह सिर्फ लोगों को  बहका सकते हैं। भगवंत मान को सीएम चेहरा घोषित  नहीं करेंगे। 

सवाल 
यदि आम आदमी पार्टी बहुमत प्राप्त करती है, तो क्या स्वयं केजरीवाल पंजाब के सीएम बनेंगे ?

जवाब 
शायद नहीं। क्योंकि पंजाबी मतदाता केजरीवाल को सीएम के तौर पर स्वीकार नहीं करेगा। वह तब भगवंत मान को सीएम बना सकते हैं, लेकिन भगवंत मान को तब यह दिखाना होगा कि वह पूरी तरह से केजरीवाल के कहने में चलेंगे। यदि एक बार भी केजरीवाल को यह लग गया कि भगवंत मान उनकी बात नहीं मानेंगे तो उन्हें सीएम नहीं बनाया जाएगा। 

सवाल 
भगवंत मान को  नेता के तौर पर कैसे आंकते हैं?

जवाब 
भगवंत मान की भी करनी और कथनी में अंतर है। वह बिना रीढ का नेता है। जो अब पूरी तरह से केजरीवाल के रंग में रंगा हुआ है। यदि उसमें थोड़ी सी भी बात होती तो कब का आम आदमी पार्टी को छोड़ देता। यह सही है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी को मजबूती देने में भगवंत मान की भूमिका बड़ी है। आज भी उनकी वजह से पार्टी मजबूत नजर आ रही है। लेकिन इसके लिए भगवंत मान को अपने आप से समझौता करना पड़ रहा है। 

सवाल 
आप ने राजनीति क्यों छोड़ दी?

जवाब 
राजनीति मेरी रोजीरोटी नहीं है। मैं डाॅक्टर हूं। किसी परिचय का मोहताज नहीं हुई हूं। यह सही है कि राजनीति में आने के बाद मुझे देश और विदेश में पहचान मिली। लेकिन जब पार्टी के भीतर ही मेरी बातों का तवज्जो नहीं मिली तो मतभेद बढ़ता गया। मुझे पार्टी से अलग कर दिया गया। जो कि सही नहीं था। मैंने तो पंजाब के वह मुद्​द उठाए जो आम तौर पर राजनेता नहीं उठाते। क्योंकि इससे वोट नहीं मिलता। इसमेंं झूठ नहीं होता। लेकिन मेरी बात को ज्यादा सुना नहीं गया। 

सवाल 
पहले मंच और फिर पार्टी भी बनाई?

जवाब 
जी, मैंने पहले पंजाब फ्रंट नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई थी। मेरी कोशिश थी कि पंजाब,पंजाबी और पंजाबियत की बात की जाए। पंजाबी कौन के नाम को आगे बढ़ाने ौऔर उभारने की जरूरत है। अभी तक के राजनीति दल ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसलिए नई सोच के साथ राजनीति करन े का मन बनाया था। लेकिन लोगों से समर्थन नहीं मिला। इसलिए अब लगा कि राजनीति से दूरी ही ठीक है। 

सवाल
सांसद रहते हुए आप ने पंजाब में अफीम की खेती पर जोर दिया, इसकी वजह क्या है?

जवाब 
अफीम, चुरा पोस्त पंजाब में खाया जाता है। यह स्वीकारर्य नशा है। हुआ यह कि एनडीपीसी एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसद) को इतना कड़ा कर दिया कि इससे तस्करी को बढ़ावा मिला। पंजाब के लोग मेहनत करने वाले लोग है। वह पारंपरिक नशा करते थे। लेकिन उनसे वह नशा छीन लिया। तब तस्करों ने मेडिकल नशा और अब सिंथेटिक नशा पंजाब में बढ़ रहा है। पंजाब बर्बाद हो रहा है। यदि एनडीपीसी एक्ट में थोड़ा बदलाव कर पंजाब को यह रियायत दी जाए तो इसस सुबे को बहुत लाभ होगा। लेकिन सरकारें नशा तस्करी लॉबी के दबाव में काम करती है। 

सवाल 
पंजाब के वर्तमान हालात में क्या लगता हैं, किस दल को बहुमत मिल सकता है?

जवाब 
मुझे लगता है कि पंजाब में इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने वाला है। पंजाबी मतदाता निराश है। पंजाब के असली मुद्​दे गायब है। आरोप प्रत्यरापों के बीच मतदाता को उलझाया जा रहा है। ताकि मतदाता सब कुछ भूल कर उन्हें वोट दे सके। 

धर्मवीर गांधी का परिचय
धर्मवीर गांधी का जन्म 1 जून 1951 को हुआ था। वह एमडी डाक्टर है। उन्होंने आम आदमी के टिकट पर 2014 में उन्होंने पटियाला लोकसभा सीट पर परनीत कौर को 20,942 मतों के अंतर से हराया था। बाद में केजरीवाल से मतभेद होने की वजह से आम आदमी पार्टी से उन्हें बाहर कर दिया था। अब उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया है। गांधी 1977 के आपातकाल के विरोध में अमृतसर में एक महीने के लिए जेल में भी रहे हैं। 2011 के  भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से प्रेरित होकर वह  राजनीति में आ गए थे।  2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी  के लिए प्रचार भी किया था।