सार

राजस्थान के जोधपुर में अफसरों की प्रताड़ना से परेशान सीआरपीएफ के जवान ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। इस मामले में अपनी मांग को लेकर बैठे परिजनों की डिमांड को बड़े अधिकारियों ने मान लिया है।
 

जोधपुर. छुट्टी नहीं मिलने एवं अफसरों और साथियों से प्रताड़ित एवं विवाद होने के बाद सोमवार दोपहर जोधपुर के मंडोर प्रशिक्षण केंद्र में जवान नरेश जाट ने खुद को गोली मार ली थी। सोमवार दोपहर नरेश का अंतिम संस्कार किया गया। इस पूरे मामले में सांसद हनुमान बेनीवाल की एंट्री हुई। वह पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे, उसके बाद उन्होंने परिवार की 7 सूत्रीय मांगों के बारे में अफसरों को जानकारी दी है। अफसरों ने इनमें से अधिकतर मांगे मान भी ली। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम में दिल्ली से आई एक बड़ी अफसर की मौजूदगी के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। परिवार वालों ने CRPF DIG भूपेंद्र सिंह सहित जिन 9 लोगों पर नरेश को टॉर्चर के आरोप लगाए थे। उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। 

यह है पूरा मामला 

दरअसल, सीआरपीएफ में तैनात नरेश जाट ने  11 जुलाई को दोपहर करीब 12:00 बजे खुद को गोली मार ली थी।  इससे पहले उसने खुद एवं परिवार को बंधक बनाया था 18 घंटों के लिए।  जोधपुर कमिश्नरेट और सीआरपीएफ के अफसरों ने उससे मिलकर उसे समझाने की कोशिश की।  लेकिन बात नहीं बनी।  उसका आरोप था कि कई अफसरों ने उस पर अत्याचार किया और उसके ऊपर गलत आरोप लगाए हैं।  इन्हीं आरोपों से परेशान होकर उसने जान दे दी। 

दिल्ली से आई एडीजी तो बनी बात नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बताया कि बुधवार को सीआरपीएफ के आईजी स्तर के अधिकारियों से बात होनी थी लेकिन वार्ता ठुकरा दी गई। जब तक दिल्ली से अफसर नहीं आते तब तक वार्ता नहीं की जानी थी। गुरुवार को दिल्ली से सीआरपीएफ के एडीजी ट्रेनिंग रश्मि शुक्ला पहुंची। उसके बाद सीआरपीएफ के अफसरों और सांसद के अलावा परिजनों में बातचीत हुई। तब जाकर सहमति का रास्ता बना। 

अफसर समेत 8 कार्मिकों पर गाज गिरना तय, 3:00 पर तो इंक्वायरी बैठ भी गई
                      
नरेश जाट ने खुद की जान देने से पहले अलग-अलग दो वीडियो बनाए थे। इसके साथ ही एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जो उसकी पत्नी को भेजा था। उसने डीआईजी और अन्य कार्मिकों पर आरोप लगाए थे। इन आरोपों की पुष्टि के बाद अब प्रारंभिक तौर पर 8 लोगों पर गाज गिरना तय माना गया है। इनमें से 3 कार्मिकों को आसाम, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में अलग-अलग जगहों के लिए रवाना कर दिया गया है। उनकी इंक्वायरी भी शुरू हो गई है। 

साथ ही, डीआईजी भूपेंद्र सिंह पर भी गाली गलौज करने, उग्र व्यवहार करने का आरोप है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इनके अलावा अर्दली स्तर के चार कार्मिक और हैं, उन्हें भी अन्य राज्यों में भेजने की तैयारी जारी है। नागौर सांसद बेनीवाल ने कहा- फिलहाल सबसे पहले नरेश जाट का अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही है। उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव भेजा जा रहा है। सांसद ने कहा- करीब 35 से 40 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ ही नरेश की पत्नी को आजीवन पेंशन, उनकी बेटी को सरकारी नौकरी समेत अन्य कई मांगे मान ली गई है।

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