सार
राजस्थान में साल 2021 में महिलाओं से बलात्कार के 6337 केस दर्ज हुए हैं। राजस्थान साल 2020 में भी टॉप थ्री प्रदेश में शामिल था। औसतन हर दिन 17 महिलाएं दरिंदों का शिकार बन रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने डेटा जारी किया है।
जयपुर. हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपराध के फिगर जारी किए हैं। इनमें राजस्थान के हालात सबसे बुरे हैं। राजस्थान में महिलाओं के साथ होने वाले रेप के मामले पूरे देश में सबसे ज्यादा है। औसतन हर दिन 17 महिलाएं दरिंदों का शिकार बन रही है। ऐसे में हर दिन रेप और मॉलिस्ट्रेशन से जुडे अपराध प्रदेश के थानों में दर्ज हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2021 के अपराधिक रिकॉर्ड जारी किए हैं। राजस्थान साल 2020 में भी टॉप थ्री प्रदेश में शामिल था।
अपराध दो गुना से भी ज्यादा
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, जैसे बड़े राज्यों से राजस्थान की तुलना की जाए तो यहां इन राज्यों से महिलाओं की संख्या काफी कम है। लेकिन उसके बाद भी महिलाओं के साथ होने वाले अपराध इन राज्यों की तुलना में दो गुना से भी ज्यादा है। राजस्थान में साल 2021 में महिलाओं से बलात्कार के 6337 केस दर्ज हुए हैं। ये किसी भी राज्य की तुलना में कहीं ज्यादा है। अन्य राज्यों की बात की जाए तो दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश हैं। एमपी में साल 2021 में रेप के 2947 केस सामने आए हैं।
उसके बाद उत्तर प्रदेश के हालात है। हांलाकि पिछले सालों की तुलना में उत्तर प्रदेश की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उत्तर प्रदेश में साल 2021 में रेप के मामले 2845 और उसके बाद महाराष्ट्र में 2486 केस एक साल में दर्ज हुए हैं। असम पांचवां राज्य है जहां 1733 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। देश की राजधानी दिल्ली में भी बलात्कार के 1250 केस दर्ज किए गए हैं। रेप के इन केसेज में बच्चियों के साथ होने वाले यौन अपराधों के फिगर भी शामिल हैं।
क्या वास्तव में इतने रेप हो रहे हैं प्रदेश में
राजस्थान में पिछले दो सालों में रेप समेत अन्य सभी तरह के अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे सीएम अशोक गहलोत की सख्ती है। दरअसल दो साल पहले सीएम ने सभी पुलिस अफसरों को सभी केस दर्ज करने के निर्देश दिए थे। फिर चाहे वे जांच में झूठे ही क्यों ना निकलें। ऐसा हुआ भी। पिछले सालों की तुलना में साल 2020 और 2021 में प्रदेश में दर्ज होने वाले केसेज की संख्या बीस फीसदी सालाना तक बढ़ गई। इनमें महिला अपराध की संख्या सबसे ज्यादा थी। इन अपराध के बाद झूठे केस भी सामने आने लगे। इस साल की बात की जाए तो इस साल जनवरी से जून तक प्रदेश में रेप के करीब 3000 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 1411 केस जांच में झूठे पाए गए हैं।
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