सार
घटना राजस्थान के हनुमागनढ़ की है। यहां एक युवक ने 60 साल की वृद्ध महिला की हत्या कर उसके शव से रेप किया था। इस मामले में पुलिस ने जहां महज 8 दिन के भीतर आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने चालान पेश कर दिया था। वहीं, कोर्ट ने घटना के 74 दिन बाद मामले में अपना फैसला सुना दिया है।
हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में 60 साल की वृद्ध महिला की हत्या कर उसके शव के साथ 19 साल के दरिंदे ने रेप किया था। इस मामले में जिला और सेशन न्यायाधीश संजीव कुमार मागो ने ऐतिहासिक फैसले में दोषी सुरेंद्र उर्फ मांडिया को फांसी की सजा सुनाई है। जज ने कहा कि ऐसा व्यक्ति समाज के लिए गंभीर खतरा है। सभ्य समाज में रहने के काबिल नहीं है। जज ने इसे दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में रखा। दोषी को धारा 450 के तहत 3 साल के साधारण कारावास, 10 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 376 के तहत आजीवन कारावास, 10 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर डेढ़ साल और सजा काटनी पड़ेगी। यह मामला राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा थाना क्षेत्र का है।
8 दिन पुलिस ने काटा चालान, 74 दिन में कोर्ट ने सुनाया फैसला
मामले को पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने पीलीबंगा थानाधिकारी इंद्र कुमार को केस ऑफिसर नियुक्त किया था। घटना के 8 दिन बाद ही पीलीबंगा पुलिस ने इस केस में आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिया था। हत्या और रेप के केस की सुनवाई के बाद सोमवार को डीजे कोर्ट ने घटना के 74 दिन में ही फैसला देते हुए दोषी को फांसी की सजा सुना दी है।
ऐसे दिया था घटना को अंजाम
वारदात पीलीबंगा थाना इलाके में 16 सितंबर 2021 को हुई थी। घटना के अनुसार, सुरेंद्र उर्फ मांडिया ने अकेली रहने वाली अपने ही गांव की 60 साल की वृद्धा के घर में 16 सितंबर की रात में घुसकर उससे दुष्कर्म का प्रयास किया। वृद्धा ने जब इसका विरोध किया तो आरोपी सुरेंद्र उर्फ मंडिया ने उसकी हत्या कर दी। बाद में उसके शव के साथ रेप किया था।
पुलिस ने दिखाई तत्परता
राजस्थान में बीते वर्षों में रेप के कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें पुलिस ने तत्परता दिखाई और आरोपियों के खिलाफ रिकॉर्ड न्यूनतम समय में चालान पेश किए हैं। वहीं, अदालतों ने भी इन मामलों में लगातार तेज गति से सुनवाई करते हुए आरोपियों को उनके जुर्म की सजा सुनाई है।
खौफ में आ गये थे लोग
हनुमानगढ़ में हुई इस जघन्य वारदात के बाद लोग खौफ में थे। यह वारदात पुलिस के लिए भी चुनौती बन गई थी। लेकिन पुलिस ने संवेदनशीलता के साथ तत्काल कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस ने इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेने के बाद पूरी सतर्कता के साथ कार्रवाई की, ताकि अपराधी को उसके अपराध की सजा मिल सके। राज्य की ओर से लोक अभियोजक उग्रसैन नैण ने पैरवी की।
ये है पूरा मामला
16 सितंबर को 60 साल की विधवा के देवर ने पीलीबंगा थाने में हत्या और दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। उसने पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसके भाई की तीन वर्ष पहले मौत हो चुकी है। भाभी घर में अकेली रहती थी। उसके कोई संतान नहीं थी। रिपोर्ट में बताया कि भाभी 15 सितंबर की रात करीब साढ़े 10 बजे उनके घर आई और कहा कि आरोपी थोड़ी देर पहले घर में घुस आया था। वह गलत नीयत से छेड़छाड़ करने लगा, उसे धमकाया तो वह उसका मोबाइल फोन उठाकर भाग गया। भाभी ने आरोपी से अपना मोबाइल फोन दिलवाने की बात कही। रात का समय होने के कारण अगली सुबह मोबाइल फोन दिलवाने का भरोसा दिलाया। घर में भैंस और अन्य मवेशी बंधे होने के कारण उनकी रखवाली के लिए भाभी अपने घर चली गईं। आरोप था कि रात करीब एक बजे आरोपी ने शराब के नशे में किसी ग्रामीण से कहा कि उसने वृद्ध महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी है। परिवादी को यह सूचना मिली तो वह अन्य ग्रामीणों के साथ भाभी के घर गया, वहां महिला का शव चारपाई पर पड़ा मिला। देवर ने आरोप लगाया कि आरोपी ने दुष्कर्म की नीयत से भाभी के घर में प्रवेश किया। दुष्कर्म करने का प्रयास किया, विरोध करने पर वह कामयाब नहीं हुआ तो भाभी की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसके बाद शव के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया। पुलिस ने धारा 450, 376 व 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
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