सार
राजस्थान के पाली में 4 जनवरी को एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और उनके पैर छूने की कोशिश करने वाली महिला को सस्पेंड तो कर दिया है। लेकिन सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक अलग ही बहस छिड़ गई है।
पाली (राजस्थान). पाली जिले में पिछले हफ्ते जंबूरी का उद्घाटन करने आई महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पैर छूने वाली महिला जेईएन अंबा सियोल को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है । राजस्थान सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है । अंबा ने 4 जनवरी को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चरण छुए थे। उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़ा था । लेकिन यह मामला उस समय शांत हो गया था। बाद में करीब 9 जनवरी को यह मामला केंद्र सरकार की नजर में आया तो गृह विभाग ने राजस्थान सरकार से इसकी रिपोर्ट मांगी । राजस्थान सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी और बाद में महिला जेईएन अंबा सियोल को निलंबित कर दिया गया ।
अब सोशल मीडिया पर छिड़ गई जमकर बहस
अंबा सियोल के निलंबन के बाद अब सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ यूजर्स का कहना है कि चरण छूना सम्मान देने जैसा है, जबकि कुछ यूजर्स का कहना है कि महामहिम राष्ट्रपति का प्रोटोकॉल तोड़ना बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है । सोशल मीडिया पर दोनों तरह के यूजर्स के बीच जंग छिड़ गई है।
आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला
दरअसल पाली के निंबली मैं आयोजित 18वीं राष्ट्रीय स्काउट गाइड जंबूरी का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में सरकार ने करीब ₹250000000 लगाए थे। देशभर के स्काउट गाइड से जुड़े स्काउट्स और अन्य बड़े पदाधिकारी इसमें शामिल हुए थे । इसका उद्घाटन करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति को न्योता भेजा गया था । वह 4 जनवरी को इसका उद्घाटन करने के लिए आई थी । इस दौरान पाली में हेलीपैड बनाया गया था। जहां पर महामहिम राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर उतरा था।
थ्री लेयर सुरक्षा का घेरा तोड़कर पहुंची राष्ट्रपति के पास
राष्ट्रपति की निजी सुरक्षा के अलावा राजस्थान पुलिस के सुरक्षाकर्मी भी वहां पर तैनात थे । लेकिन तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा को तोड़कर महिला जेपीएन अंबा सियोल ने महामहिम राष्ट्रपति के पैर छू लिए । इस बात को लेकर बवाल हो गया। स्थानीय पुलिस ने उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया और अपने साथ थाने ले गई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मांगी इस पर रिपोर्ट
बाद में पूरी जांच पड़ताल करने के बाद अंबा से उनको पुलिस अधिकारियों के कहने पर छोड़ दिया गया । लेकिन यह मामला चार-पांच दिन बाद फिर से उठा और इस बार दिल्ली में इसे लेकर हंगामा हो गया । केंद्रीय गृह मंत्रालय की दखल के बाद आखिर अंबा को नौकरी से निलंबित कर दिया गया । राजस्थान में पिछले कुछ सालों में इस तरह का यह पहला ही मामला सामने आया है।
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