पूजा-पाठ में अनेक चीजों का उपयोग किया जाता है। ऐसी ही एक चीज है सुपारी। पूजा में इसका उपयोग भगवान श्रीगणेश के प्रतीक रूप में किया जाता है।
जीवन को सुखी और सफल बनाने के लिए पुराणों में कई नीतियां बताई गई हैं। जो लोग इन नीतियों का पालन करते हैं, उनके जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक है।
2 दिसंबर को चंपा षष्ठी है। इस दिन भगवान शिव के मार्कंडेय स्वरूप की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व सोमवार को है और साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
2 दिसंबर, सोमवार को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इसे चंपा षष्ठी और बेंगन छठ भी कहा जाता है।
सोमवार को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन सूर्योदय श्रवण नक्षत्र में होगा। इसके बाद दोपहर लगभग 12.45 के बाद धनिष्ठा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। सोमवार को श्रवण नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से शुभ नाम का योग बन रहा है।
महाभारत के अनुसार, रुद्र के एक गण ने कृपाचार्य के रूप में अवतार लिया। ये कौरव और पांडवों के कुलगुरु कृपाचार्य थे।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम व सीता का विवाह हुआ था। इसीलिए इस दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
महाभारत के अनुसार, कुरुक्षेत्र में हुए कौरव-पांडवों के युद्ध में कुल 18 अक्षौहिणी सेनाओं ने युद्ध किया था। इनमें से 11 अक्षौहिणी सेना कौरवों के पक्ष में थी, वहीं 7 ने पांडवों के पक्ष में युद्ध किया था।
आज के समय में सबसे बड़ी समस्या परिवार में असामंजस्य होना है। आपके पास सुख-सुविधा की हर चीज हो और परिवार के सदस्यों में आपस में न बनती हो तो जीवन नरक लगने लगता है।
ऐसा मानते हैं कि तंत्र प्रयोग में यदि काले घोड़े की नाल का प्रयोग किया जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।