सार

Adhik Maas Shivratri 2023: इस समय सावन का अधिक मास चल रहा है। वैसे तो अधिक मास हर 3 साल में आता है, लेकिन सावन का अधिक मास 19 साल बाद यानी 2004 के बाद अब बना है। सावन के अधिक मास में शिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है।

 

उज्जैन. सावन भगवान शिव की भक्ति का महीना है। इस बार सावन का अधिक मास होने से इ महीने में आने वाले कई त्योहारों की संख्या दोगुना हो गई है। शिवरात्रि भी इनमें से एक है। (Adhik Maas Shivratri 2023) सावन की अधिक मास की शिवरात्रि का संयोग 19 साल बाद बना है। इस दिन और भी कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिसके चलते इस तिथि बहुत ही खास बन गई है। आगे जानिए क्यों खास है सावन अधिक मास की शिवरात्रि…

कब है सावन अधिक मास की शिवरात्रि? (Adhik Maas Shivratri 2023 Date)
पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त, सोमवार की सुबह 10:25 से 15 अगस्त, मंगलवार की दोपहर 12:43 तक रहेगी। चूंकि शिवरात्रि व्रत में रात्रि पूजा का विधान है, इसलिए ये व्रत 14 अगस्त, सोमवार को ही किया जाएगा। इस शिव चतुर्दशी व्रत भी कहते हैं।

बन रहा है ये दुर्लभ संयोग (Adhik Maas Shivratri 2023 Shubh Yog)
इस बार सावन का अधिक मास 19 साल बाद आया है, इसके पहले साल 2004 में ये संयोग बना था। इस हिसाब से देखा जाए तो 100 सालों में 5 बार ही सावन का अधिक मास आता है। इस बार सावन अधिक मास की शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त, सोमवार को किया जाएगा। अधिक मास का सावन और उस पर शिवरात्रि व्रत का सोमवार को होना एक दुर्लभ संयोग है, जो सैकड़ों साल में एक बार बनता है।

ये शुभ योग भी रहेंगे इस दिन
14 अगस्त को शिवरात्रि व्रत के मौके पर और भी कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। पंचांग के अनुसार, इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा प्रजापित नाम का एक अन्य शुभ योग भी बनेगा और पुष्य नक्षत्र भी रहेगा। इतने सारे शुभ संयोगों के चलते मासिक शिवरात्रि पर किए गए व्रत और पूजा का फल कई गुना प्राप्त होगा।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।