सार
Adhik Maas Upay: सावन का अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 16 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की भक्ति का विशेष महत्व है, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस महीने में मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है।
उज्जैन. वैसे तो अधिक मास (Adhik Maas Upay) हर तीसरे साल आता है लेकिन सावन (Sawan 2023) का अधिक मास कई दशकों में एक बार आता है। इस बार 19 साल बाद सावन के अधिक मास का संयोग बना है। इसके पहले साल 2004 में सावन का अधिक मास आया था। सावन का अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 16 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस महीने में यदि कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए भक्तों पर भगवान की कृपा बनी रहती है। आगे जानिए सावन के अधिक मास में आप किन मंत्रों का जाप कर सकते हैं और उसकी विधि…
ये हैं प्रमुख कृष्ण-विष्णु मंत्र (Adhik Maas Mantra Upay)
1. ऊं नमो नारायणाय नम:
2. ऊं श्रीकृष्णाय नम:
3. क्लीं ह्रषीकेशाय नम:
4. ऊं ह्रषिकेशाय नम:
5. श्रीकृष्ण शरणं मम
6. ऊं गोकुल नाथाय नमः
7. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
8. ऊं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
इस विधि से करें मंत्रों का जाप (Adhik Maas Puja Vidhi)
- अधिक मास में रोज सुबह या सिर्फ एकादशी पर ही आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप से पहले स्नान आदि करें और संकल्प लें। संकल्प के लिए हाथ में पानी और चावल लेकर अपनी मनोकामना कहें और इसे धरती पर छोड़ दें।
- भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की प्रतिमा-तस्वीर एक बाजोट यानी पटिए पर स्थापित करें। सामने शुद्ध घी का दीपक लगाएं। धूप-अगरबत्ती जलाएं। भगवान की प्रतिमा पर कुंकुम से तिलक करें और फूलों की माला पहनाएं।
- भगवान को पीले वस्त्र अपर्ण करें। रोली, अबीर, गुलाल से पूजा करें। माखन-मिश्री का भोग लगाएं। इसके बाद तुलसी की माला से इनमें से किसी एक मंत्र का जाप करें। कम से कम 108 बार मंत्र जाप अवश्य करें।
- अधिक मास में भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु के इन मंत्रों का इस प्रकार विधि-विधान पूर्वक मंत्र जाप करने से आपकी समस्या दूर हो सकती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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