सार

Nag Panchami 2024: इस बार नागपंचमी का पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। इस पर्व से जुड़ी कईं खास मान्यताएं हैं, जिनके पीछे कईं कारण छिपे हैं।

 

Traditions of Nag Panchami: नागपंचमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस बार ये पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस पर्व से जुड़ी अनेक मान्याताएं और परंपराएं हमारे देश में प्रचलित है। ऐसी ही एक परंपरा ये भी है कि नागपंचमी पर चूल्हे पर तवा नहीं रखा जाता और न ही चाकू-कैंची का इस्तेमाल किया जाता है। इन मान्यताओं के पीछे कोई धार्मिक या ज्योतिष कारण नहीं है बल्कि मनोवैज्ञानिक कारण है। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़े मुख्य कारण…

चूल्हे पर क्यों नहीं रखते तवा?
नागपंचमी के जुड़ी मान्यता है कि इस दिन चूल्हे पर तवा नहीं रखते। विद्वानों की मानें तो लोहा शनि और राहु से संबंधित है। इस दिन लोहे से संबंधित चीजों का उपयोग करने से राहु और शनि दोनों ग्रह उग्र स्थिति में आ जाते हैं, जिससे निकट भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से नागपंचमी पर चूल्हे के ऊपर तवा नहीं रखा जाता है।

क्यों नहीं करते चाकू-कैंची का इस्तेमाल?
नागपंचमी पर चाकू और कैंची के इस्तेमाल पर भी रोक रहती है। इसके पीछे भी वही कारण है कि ये दोनों चीजें लोहे से बनी होती है और इनमें काफी धार भी होती है। नागपंचमी पर धारदार चीजों का इस्तेमाल पर रोक रहती है। विद्वानों के अनुसार, ऐसा करने से जीवन में चल रही परेशानियां और अधिक हो सकती है। इनसे बचने के लिए ही इस तरह की परंपराएं बनाई गई हैं।

इन परंपराओं में छिपा है लाइफ मैनेजमेंट भी
नागपंचमी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। हर व्यक्ति इस दिन अच्छा भोजन करे, यही हमारे पूर्वजों की इच्छा रही होगी, इसलिए उन्होंने इस तरह की परंपराएं बनाई। चूल्हे पर तवा न रखने से रोटी के स्थान भोजन के अन्य विकल्प तलाशे जाते हैं जिससे कि अच्छे पकवान बनते हैं जैसे- पुरी, बाटी आदि। ये भी एक प्रमुख कारण है नागपंचमी से जुड़ी इन पंरपराओं के पीछे।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।