सार
1 Mukhi Rudraksha: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है। शिवमहापुराण में रुद्राक्ष के बारे में काफी कुछ लिखा गया है। इसे पहनने से कईं तरह के फायदे भी होते हैं, इनमें धन लाभ भी शामिल है।
1 Mukhi Rudraksha benefits: रुद्राक्ष के बारे में तो हम सभी जानते हैं। रुद्राक्ष भगवान शिव का आभूषण हैं। इससे जुड़ी कईं कईं मान्यताएं और परंपराएं भी हैं जो इसे और खास बनाती है। शिवमहापुराण में कईं तरह के रुद्राक्षों के बारे में बताया गया है। इन सभी रुद्राक्षों का अलग-अलग महत्व और पहनने के मंत्र भी हैं। इनमें से एक रुद्राक्ष ऐसा भी है जो अगर कोई पहन लें तो उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। आगे जानिए कौन-सा है वो रुद्राक्ष और उससे जुड़ी अन्य बातें…
क्या है रुद्राक्ष?
शिवपुराण के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्तपत्ति भगवान शिव के आंसू से हुई है, इसलिए रुद्राक्ष यानी ‘रुद्र’ ‘अक्ष’ कहा जाता है। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त इसकी माला भी पहनते हैं। शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं। इनमें से एक रुद्राक्ष ऐसा भी है, जिसे पहनने से धन लाभ के योग बनने लगते हैं।
धनवान बना देता है ये रुद्राक्ष
शिवमहापुराण में 1 मुखी रुद्राक्ष को सबसे ज्यादा चमत्कारी माना गया है। लाखों में कोई 1 रुद्राक्ष एकमुखी होती है। एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का ही रूप माना गया है। जहां भी इस रुद्राक्ष की पूजा होती है, वहां से माता लक्ष्मी दूर नहीं जातीं। जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को गले में पहनता है, उसे धन की कमी नहीं होती। इसे पहनने का पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:।
इन बातों का रखें ध्यान
1. रुद्राक्ष पहनने से पहले किसी योग्य विद्वान की सलाह जरूर लें। विद्वान जो विधि बताए, उसी के अनुसार रुद्राक्ष धारण करना चाहिए
2. रुद्राक्ष बहुत ही पवित्र होता है, इसलिए इसे पहनने के बाद पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। इसे अशुद्ध हाथों से छुए भी नहीं।
3. रुद्राक्ष पहनकर तामसिक भोजन (मांसाहार) न करें और न ही शराब आदि नशीलों चीजों का सेवन करें। इससे दोष लगता है।
4. रुद्राक्ष खंडित नहीं होना चाहिए और न ही किसी दूसरे का पहना हुआ रुद्राक्ष हमें पहनना चाहिए। ऐसा करना ठीक नहीं होता।
5. यदि आप रूद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या यानी 3, 5 के क्रम में होनी चाहिए।
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