सार

Diwali 2023 Celebration In Mahakal Temple: उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्मारती के दौरान ही दिपावली पर्व मनाया गया। इस दौरान गर्भगृह में पंडे-पुजारियों ने फूलझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरूआत की। इसके पहले भगवान महाकाल को अभ्यंग स्नान करवाया गया।

 

Diwali 2023 Celebration In Mahakal Mandir: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर से दिपावाली पर्व की शुरूआत हो चुकी है। रविवार की सुबह यहां होने से विश्व प्रसिद्ध भस्म आरती के दौरान पंडे-पुजारियों ने भगवान महाकाल के सामने शकुन के रूप में फूलझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरूआत की। इस दृश्य को वहां उपस्थित हजारों लोगों ने देखा। इसके पहले भगवान महाकाल का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया।

पहले करवाया अभ्यंग स्नान
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान करने की परंपरा है। इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए पहले पंडे-पुजारियों ने महाकाल पंचामृत स्नान करवाया और केसर, चंदन व इत्र से बना उबटन लगाया। इसके बाद गर्म जल से भगवान महाकाल को स्नान करवाया गया। स्नान के बाद महाकाल को नए वस्त्र, आभूषण धारण कराकर आकर्षक श्रृंगार किया । इसके बाद अन्नकूट भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की।

कार्तिक मास की पहली सवारी 20 नवंबर को
सावन मास की तरह ही कार्तिक और अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। इस बार कार्तिक मास की पहली सवारी 20 नवंबर, सोमवार को निकाली जाएगी। जानें कार्तिक और अगहन मास सवारी की डेट्स…
- पहली सवारी 20 नवंबर (कार्तिक मास)
- दूसरी सवारी 27 नवंबर (कार्तिक मास)
- तीसरी सवारी 4 दिसंबर (अगहन मास)
- चौथी सवारी 11 दिसंबर (अगहन मास)

कब होगा हरि-हर मिलन (Hari-har Milan 2023 date Ujjain)
उज्जैन के महाकाल मंदिर में हरि-हर मिलन की परंपरा भी है। इस दौरान कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि की रात भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर तक जाती है। यहां हरि यानी शिव और हर यानी श्रीकृष्ण की प्रतिमा को आमने-सामने बैठाया जाता है। दोनों भगवान की ओर से पंडित पुजारी उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। इसे हरि-हर मिलन कहा जाता है।


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