सार

Parshuram Jayanti 2024: परशुराम भगवान विष्णु के अवतार हैं। ये क्षत्रियों को अपना दुश्मन समझते थे इसलिए इन्होंने 21 बार धरती से क्षत्रियों का सर्वनाश कर दिया था। हर साल अक्षय तृतीया पर इनकी जयंती मनाई जाती है।

 

Interesting facts related to Lord Parshuram: इस बार 10 मई, शुक्रवार को परशुराम जयंती का पर्व मनाया जाएगा। भगवान परशुराम का स्वभाव अति क्रोधी था। ये क्षत्रियों को अपना दुश्मन समझते थे, इसलिए उन्होंने 21 बार धरती से क्षत्रियों का नामोनिशान मिटा दिया था। परशुराम क्षत्रियों को अपना दुश्मन क्यों मानते थे, इसके पीछे एक कथा है जिसका वर्णन वाल्मीकि रामायण और महाभारत में मिलता है। आगे जानिए क्या है ये कथा…

जानें क्यों क्षत्रियों को अपना दुश्मन मानते थे परशुराम?
- वाल्मीकि रामायण के अनुसार, प्राचीन समय में महिष्मति नाम का एक विशाल राज्य था, जिसके राजा का नाम कार्तवीर्य अर्जुन थे। उस समय धरती पर उसके समान कोई पराक्रमी नहीं था। उसकी एक हजार भुजाएं थीं, इसलिए उसे सहस्त्रबाहु अर्जुन भी कहते थे। अर्जुन ने रावण को भी पराजित किया था।
- एक बार कार्तवीर्य अर्जुन युद्ध जीतकर महिष्मती जा रहे थे। रास्ते में वे जमदग्रि मुनि के आश्रम पर रूके। उन्होंने देखा कि ऋषि जमदग्रि के पास कामधेनु गाय है, जिसकी सहायता से उन्होंने कुछ ही देर में पूरी सेना के लिए भोजन की व्यवस्था कर दी। कार्तवीर्य अर्जुन बल पू4क कामधेनु को साथ ले गए।
- जब ये बात परशुराम को पता चली तो उन्होंने कार्तवीर्य अर्जुन की एक हजार भुजाएं काट दी और उसका वध कर दिया। कार्तवीर्य अर्जुन के वध का बदला लेने के लिए उसके पुत्रों ने जमदग्रि मुनि का वध करके लिया। पिता की मृत्यु से परशुराम क्षत्रियों को अपना शत्रु मानने लगे।
- पिता की मृत्यु से क्रोधित होकर परशुराम ने कार्तवीर्य अर्जुन के सभी पुत्रों का वध कर दिया। जिन-जिन क्षत्रिय राजाओं ने उनका साथ दिया, परशुराम ने उनका भी वध कर दिया। इस प्रकार भगवान परशुराम ने 21 बार धरती को क्षत्रियविहिन कर दिया और पूरी धरती ऋषि कश्यप को दान कर दी।


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