सार

Rakshabandhan 2024: इस बार रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त, सोमवा को बनाया जाएगा। इस दिन भद्रा भी रहेगी। क्या आप जानते हैं हर साल रक्षाबंधन पर ही भद्रा का संयोग क्यों बनता है।

 

Rakshabandhan 2024: श्रावण (सावन) महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है। इसे बार ये पर्व 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का संयोग भी जरूर बनता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि रक्षाबंधन के मौके पर ही भद्रा क्यों आती है। इसके पीछे एक खास कारण छिपा है, जिसके बारे में कम ही लोगों को पता है। आगे जानिए क्या है वजह…

क्या है भद्रा?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पंचांग बनाते समय 5 बातों का मुख्य रूप से ध्यान रखा जाता है- तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। इनमें से जो करण है वह तिथि का आधा भाग होता है। ये 11 प्रकार के होते हैं। इन्ही में से एक का नाम विष्टी है, विष्टी को ही भद्रा भी कहा जाता है।

रक्षाबंधन पर ही क्यों आती है भद्रा?
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, विष्टी यानी भद्रा का संयोग एक महीने में कुछ खास तिथियों पर ही बनता है। ये खास तिथियां हैं चतुर्थी, अष्टमी, एकादशी और पूर्णिमा। रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा पर ही मनाया जाता है, इसलिए इस दिन भद्रा का संयोग जरूर बनता है।

भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी?
विद्वानों के अनुसार, भद्रा शुभ कार्यों के लिए निषेध मानी गई है यानी जब भद्रा काल हो तो इस समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। रक्षाबंधन भी शुभ काम है, इसलिए भद्रा में इसे करने की मनाही है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भद्रा को सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन बताया है।

2024 में कब से कब तक रहेगी भद्रा?
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा 19 अगस्त की रात 03 बजकर 05 मिनिट से शुरू होगी, जो दोपहर 01 बजकर 32 मिनिट तक रहेगी। भद्रा काल समाप्त होने के बाद यानी दोपहर 01:32 के बाद रक्षाबंधन पर्व मनाना शुभ रहेगा।


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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।