सार
Mahakal Sawari Ujjain 2023: धर्म ग्रंथों में कुल 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग बताए गए हैं। इनमें से तीसरा ज्योर्तिलिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में है, जिसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहते हैं। ये एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग हैं, इसलिए इसका खास महत्व है।
उज्जैन. 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में तीसरा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirling) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में स्थित हैं। यहां रोज सुबह की जाने वाली भस्मारती (mahakal bhasmarti) विश्व प्रसिद्ध है। सावन (Sawan 2023) मास के प्रत्येक सोमवार को और भादौ के प्रथम दो सोमवार को यहां यहां भगवान महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान महाकाल अपने भक्तों का हाल-चाल जानने के लिए शहर में निकलते हैं। आमतौर पर भगवान महाकाल की 6-7 सवारी निकलती है, लेकिन इस बार सावन का अधिक मास होने से इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। आगे जानिए भगवान महाकाल की सवारी से जुड़ी खास बातें…
सवारी की संख्या ज्यादा क्यों? (Sawan Somvar List 2023)
पंचांग के अनुसार, इस बार सावन मास 4 जुलाई से शुरू होगा जो 30 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान अधिक मास भी रहेगा। दो सावन मास होने से सावन सोमवार की संख्या 4 से बढ़कर 8 हो गई है। इसके बाद भादौ के प्रथम 2 सोमवार को भी भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। इस तरह इस बार भगवान महाकाल की कुल 10 सवारियां निकलेंगी।
कैसे शुरू हुई भगवान महाकाल की सवारी की परंपरा (Who started the tradition of Mahakal Sawari)
उज्जैन के लोग भगवान महाकाल की अपना राजा मानते हैं। सवारी के दौरान जब भगवान महाकाल की पालकी नगर भ्रमण पर निकलती है तो ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों का हाल-चाल जानने के लिए शहर में घूम रहे हैं। ये परंपरा अधिक पुरानी नहीं है। इसे सिंधिया राजवंश ने शुरू किया। रियासतकाल के दौरान उज्जैन पर सिंधियां राजवंश का प्रभाव था। उस समय सिंधिया परिवार के विद्वानों ने भगवान और भक्तों की दूरी कम करने के लिए ये परंपरा शुरू की, जिसने आज भव्य रूप ले लिया है। आज भी महाकाल की अंतिम सवारी में सिंधिया परिवार का कोई न कोई सदस्य बाबा महाकाल की आरती करने जरूर आता है।
साल 2023 में कब-कब निकलेगी महाकाल की सवारी? (Mahakal Sawari Ujjain 2023 Date)
पहली सवारी- 10 जुलाई को
दूसरी सवारी- 17 जुलाई को
तीसरी सवारी- 24 जुलाई को
चौथी सवारी- 31 जुलाई को
पांचवी सवारी- 7 अगस्त को
छठी सवारी- 14 अगस्त को
सातवीं सवारी- 21 अगस्त को
आठवीं सवारी- 28 अगस्त को
नौवीं सवारी- 4 सितंबर को
अंतिम शाही सवारी- 11 सितंबर को
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।