सार
Mahesh Navami 2023: भगवान शिव की पूजा विधि सबसे सरल है। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए एक लोटा जल ही काफी है। शिवलिंग का चढ़ाया गया जल हर परेशानी दूर कर सकता है। महेश नवमी (29 मई) के मौके पर जानें शिवलिंग पर चढ़ाएं जल से जुड़ी खास बातें।
उज्जैन. इस बार महेश नवमी (Mahesh Navami 2023) का पर्व 29 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो मात्र एक लोटे जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। शिवजी को चढ़ाया गए जल से जुड़ी बहुत सी ऐसी बातें हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं जैसे शिवजी को चढ़ाया गया जल पी सकते हैं या नहीं? महेश नवमी के मौके पर हम आपको इससे संबंधित कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
शिवपुराण में बताया गया है अभिषेक का विधान
शिवपुराण में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विधान बताया गया है। इसके अनुसार, प्रतिदिन यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से शिवलिंग पर एक लोटा चल चढ़ाए तो उसकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। शिवपुराण में अन्य द्रव्यों जैसे दूध, घी, शहद आदि से भी शिवलिंग का अभिषेक करने के बारे में बताया गया है। इन सभी चीजों के अभिषेक से अलग-अलग के फल हमें प्राप्त होते हैं।
क्या शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल पी सकते हैं? (Kya Shivling Par Chadaya Pani Pee Sakte Hai)
बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि क्या शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को चरणामृत के समान पिया जा सकता है, तो इसका जवाब है- हां। शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता के 22 वे अध्याय के 18 श्लोक में यह बताया गया है कि, जो जल शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है, उसे 3 बार थोड़ा-थोड़ा पिया जाए तो इससे कई तरह के रोगों से मुक्ति मिल सकती है। और भी कई तरह के फायदे शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को पीने से होते हैं।
इस बात का रखें खास ध्यान
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये जल किसी के पैरों में न आए क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ने के बाद ये साधारण जल भी पूजनीय और प्रसाद के समान हो जाता है। इसलिए इस जल का पैरों में आना अनर्थ का कारण बन सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल पेड़-पौधे या मिट्टी में ही समर्पित हो।
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