सार

Navratri 2024: इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 3 से 11 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इन 9 दिनों में रोज पूजा के बाद देवी मां की आरती की जाती है। जानें कैसे करें मां दुर्गा की आरती जय अम्बे गौरी... और आरती करने की सही विधि।

 

 

Navratri 2024 Durga Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi: आश्विन मास की नवरात्रि इस बार 3 से 11 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। शरद ऋतु से पहले आने के कारण इसे शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं। इन 9 दिनों में रोज देवी के विविध रूपों की पूजा की जाती है। पूजा के बाद देवी की आरती करने की परंपरा भी है। आगे जानिए नवरात्रि में कैसे करें दुर्गा जी की आरती जय मां अम्बे गौरी... और आरती करने की सही विधि…

मां दुर्गा की आरती (Devi Durga Ki Aarti)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥ जय अम्बे…
माँग सिंदुर विराजत टीको मृगमदको।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ॥2॥ जय अम्बे.…
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठनपर साजै ॥3॥ जय अम्बे…
केहरी वाहन राजत, खड्ग खपर धारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहरी ॥4॥ जय अम्बे…
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥5॥ जय अम्बे…
शुंभ निशुंभ विदारे, महिषासुर-धाती।
धूम्रविलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥ जय अम्बे…
चण्ड मुण्ड संहारे, शोणितबीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥7॥ जय अम्बे…
ब्रह्माणी, रूद्राणी तुम कमलारानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी ॥8॥ जय अम्बे…
चौसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा औ बाजत डमरू ॥9॥ जय अम्बे…
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख सम्पति करता ॥10॥ जय अम्बे…
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।
मनवाञ्छित फल पावत, सेवत नर-नारी ॥11॥ जय अम्बे…
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
(श्री) मालकेतु में राजत कोटिरतन ज्योती ॥12॥ जय अम्बे…
(श्री) अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावै ॥13॥ जय अम्बे…

कैसे उतारें मां देवी की आरती? (Kaise Utare Devi Durga Ki Arti)
- हिंदू धर्म में जब भी किसी देवी-देवता की पूजा की जाती है तो इसके बाद आरती जरूर की जाती है। इसके बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती।
- नवरात्रि में रोज जब भी आप देवी की पूजा करें तो इसके बाद आरती जरूर करें। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी।
- ग्रंथों के अनुसार, देवी मां की आरती 14 बार उतारनी चाहिए। पहले 4 बार चरणों पर से, 2 बार नाभि पर से, 1 बार मुख पर से और 7 बार पूरे शरीर पर से।
- शास्त्रों में देवी की आरती करने का यही क्रम बताया गया है। इस प्रकार आरती उतारने से देवी मां की कृपा हमारे ऊपर बनी रहती है।


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