Hindu Manytaye: हिंदू धर्म में मेहमान को भगवान कहा जाता है। इसलिए जब भी घर में कोई मेहमान आता है तो उसकी आव-भगत अच्छी से की जाती है। इनमें से कुछ को घर से कभी खाली हाथ विदा नहीं करना चाहिए।
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार है। 22 जनवरी 2024 को यहां बने मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस कार्यक्रम में देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल होंगी।
Lohri Songs Lyrics In Hindi: लोहड़ी का त्योहार हो और नाच-गाना न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। लोहड़ी एक ऐसा फेस्टिवल हैं जहां परंपरागत नाच-गाना होता है। इन गानों में पंजाब का इतिहास झलकता है।
Makar Sankranti 2024 Kab Hai: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। देश में ये त्योहार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
Amawasya Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी पितृदेवता है। यही कारण है कि इस तिथि पर पितृदेवता को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय व पूजा की जाती है।
Ayodhya Ram Mamdir Facts: पिछले दिनों एक राजनेता ने भगवान श्रीराम पर विवादित बयान दिया कि श्रीराम जंगल में रहकर मांस खाते थे। इतना बोलकर उन्होंने बैठे-बिठाए विवाद मोल ले लिया। मामला इतना बिगड़ा कि बाद में उस राजनेता को माफी तक मांगनी पड़ी।
अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है। जिस स्थान पर आज ये मंदिर बना है, वहां कभी विवादित ढांचा हुआ करता था। 6 दिसंबर 1992 को कुछ लोगों ने उसे ढहा दिया। जिन लोगों ने ये काम किया, उन्हें कारसेवक कहते हैं।
Kya Hai Khooni Lohri: लोहड़ी के बारे में हम सभी ने सुना है, लेकिन खूनी लोहड़ी के बारे में कम ही लोग जानते हैं। खूनी लोहड़ी के मौके पर खून-खराबा होना आम बात है, इसलिए इसका ये नाम रखा गया है।
Makar Sankranti 2024 Par Kon se kaam Na Kare: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस बार ये पर्व 14 नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए, नहीं तो बेड लक शुरू हो सकता है।
Vidur Niti Life Management: महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। महात्मा विदुर ने लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े अनेक सूत्र अपनी नीतियो में बताए हैं। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।