Saphala Ekadashi 2024 Upay: पौष मास के कृष्ण पक्ष एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 7 जनवरी, रविवार को है। इस दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है।
महर्षि वाल्मीकि की रामायण के बारे में तो सभी जानते होंगे। घरों में भी रामायण का पाठ होता है। लेकिन यदि पूरी रामाय़ण का सार एक श्लोक मात्र पढ़ने से समझ आ जाए तो क्या बात है। ऐसे में कम समय में रामायण का पाठ करना हो तो एक श्लोकी रामायण पाठ करें। जानें
Ramjyoti In Kashi: देश भर में राम मंदिर को लेकर गजब का उत्साह है। हिंदू ही नहीं बल्कि कुछ मुस्लिम परिवार भी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। इस मौके पर काशी के कुछ मुस्लिम घर भी अयोध्या की रामज्योति से जगमग होते नजर आएंगे।
Ram Ka Janm Kis Vansh Mai Hua tha: अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भगृह में राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस दौरान एक भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
Makar Sankranti 2024 Kab Hai: हमारे देश में कईं रहस्यमयी किले हैं, पन्ना जिले का अजयगढ़ किला भी इनमें से एक है। इस किले से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो इसे और भी खास बनाती हैं। दूर-दूर से लोग इस किले को देखने आते हैं।
Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल ये पर्व जनवरी महीने में मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 15 जनवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। ये पर्व क्यों मनाते हैं, जानें इससे जुड़े 5 कारण।
Ram Mandir Ayodhya: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की कई बड़ी हस्तियां भी शामिल होंगी।
Jatayu statue Ayodhya: 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होगा। इस मंदिर के पास ही कुबेर टीले पर गिद्धराज जटायु की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। गिद्धराज जटायु के बारे में बहुत कम लोगों को पता है।
Ayodhya Ram Mandir Facts: अयोध्या राम मंदिर को लेकर भक्तों में उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। रोज देश के अलग-अलग हिस्सों से राम लला के लिए नई-नई चीजें भेजी जा रही है। कोई खाने-पीने की चीजें भेज रहा है तो कोई श्रृंगार की।
Sakat Chauth 2024 Date: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चतुर्थी तिथि के देवता भगवान श्रीगणेश हैं। हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को व्रत-पूजा करने का विधान है। एक साल की 4 चतुर्थी तिथि को विशेष माना गया है।