आचार्य चाणक्य (Chanakya) के अनुसार, अगर आप अपनी युवावस्था के महत्व को नहीं समझे, तो जीवन में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं बचता। युवावस्था में व्यक्ति जो कुछ भी अर्जित करता है, बुढ़ापे में वहीं उसका सहारा बनता है। इसलिए युवावस्था के दौरान हर व्यक्ति को अपने भविष्य को लेकर सजग रहना चाहिए और सही रणनीति बनाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए, लेकिन कुछ आदतें युवाओं के जीवन को बर्बाद कर देती हैं। इनसे बचकर रहना चाहिए।