हिंदू कैलेंडर के चौथे महीने आषाढ़ से वर्षा काल की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर रखे गए हैं। हर महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के पर रखा गया है।
आचार्य चाणक्य को न केवल किताबी विषयों का बल्कि जीवन की अच्छी और बुरी दोनों तरह की परिस्थितियों का अनुभव था। वे एक श्रेष्ठ विद्वान और महान विभूति थे। इसी के साथ वे एक योग्य शिक्षक भी थे।
फेंगशुई में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रकार के प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है। मान्यता के अनुसार इन प्रतीकों को घर या कार्यस्थल पर रखने से विभिन्न समस्याओं से मुक्ति मिलती है साथ ही जीवन में समृद्धि, खुशहाली और तरक्की प्राप्त होती है।
कई बार परिस्थितियां व्यक्ति के वश में नहीं रहतीं हैं और तमाम तरह के प्रयास करने पर भी समस्याओं से छुटकारा नहीं मिल पाता है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में बताए गए कुछ उपायों को करने से आप देवी-देवताओं के आशीर्वाद से परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।
शीशा, दर्पण या मिरर हर घर में होता है। इसके साथ ही घर पर कांच की अन्य बहुत-सी चीजें भी होती हैं। कई बार अचानक या किसी कारण से कांच की चीजें टूट जाती हैं। ऐसे में बहुत से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जो इसके टूटने के पीछे शुभ व अशुभ संकेतों के बारे में सोच-विचार में पड़ जाते हैं। प्राचीन काल से ही शीशे के टूटने से जुड़ी कई मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं।
उज्जैन. अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोगों को धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है और बहुत ही आसानी से धन की प्राप्ति हो जाती है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दिन-रात मेहनत करते हैं फिर भी उनके जीवन में किसी न किसी कारण से धन की किल्लत बनी रहती है। वास्तु में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर हर दिशा की साज-सज्जा की जाए तो आप धन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। आगे जानिए किस दिशा में क्या रखने से आप धन-धान्य प्राप्त कर सकते हैं…
कुंडली में यदि कोई ग्रह प्रतिकूल स्थान पर हो तो उससे संबंधित अशुभ फल प्राप्त होते हैं। इससे बचने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।
हिंदू धर्म में नारियल का विशेष महत्व है। हर शुभ काम में नारियल का उपयोग जरूर होता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। नारियल के भी कई रूप होते हैं, इन्हीं में से एक है एकाक्षी नारियल।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार यह व्रत 27 जून, रविवार को है।
स्कंद पुराण के अनुसार, आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि इस महीने के देवता भगवान वामन ही हैं। इसलिए आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि पर भगवान वामन की विशेष पूजा और व्रत की परंपरा है।