नवरात्री, जिसे नौ पवित्र दिनों के रूप में भी जाना जाता है, हिन्दुओं द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी पूजा है। इस साल नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो रही है। नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना की जाती है।
हिंदू धर्म में बच्चों को शुरू से ही शिष्टाचार संबंधी बातें बताई जाती हैं
जुए में अपना राज-पाठ हारने के बाद पांडव 12 साल तक वनवास में रहे और 1 साल उन्होंने अज्ञातवास में गुजारा
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत किया जाता है
जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, उसके लिए श्राद्ध पक्ष का समय विशेष होता है
ग्रह-नक्षत्रों के विशेष संयोग से इस साल पितृ पक्ष बहुत शुभ रहने वाला है।
भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पी यानी इंजीनियर कहा जाता है। ग्रंथों के अनुसार देवताओं के लिए भवनों, महलों व रथों आदि का निर्माण विश्वकर्मा ही करते हैं।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक का समय पितरों के तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान के लिए उत्तम माना गया है। इन 16 दिनों को ही श्राद्ध पक्ष कहते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष होता है। इस बार श्राद्ध पक्ष 13 सितंबर, शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जो 28 सितंबर, शनिवार तक रहेगा।
कालसर्प दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है, उसे अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।