ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसी चीजों का उपयोग किया जाता है, जो हमारे घर के किचन में ही आसानी से मिल जाती है जैसे- हल्दी। हल्दी का उपयोग अनेक उपायों में किया जाता है।
बिहार के गया को सबसे बड़ा पितृ तीर्थ माना जाता है। श्राद्ध पक्ष के दौरान यहां लाखों लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने आते हैं।
धर्म ग्रंथों में मनुष्य के विभिन्न अंगों के बारे में विस्तार से बताया गया है। ग्रंथों में इस बात की जानकारी भी है कि मनुष्य के कौन-से अंग पवित्र हैं और कौन-से अपवित्र।
महालक्ष्मी व्रत का दिन धन संबंधी उपाय करने के लिए श्रेष्ठ है।
यूं तो हमारे देश में श्राद्ध, पिंडदान व तर्पण के लिए कई तीर्थ हैं, लेकिन उनमें से कुछ तीर्थ ऐसे भी हैं, जिनका वर्णन धर्म ग्रंथों में भी मिलता है।
जिन घरों में महिलाएं सुंदर वस्त्रों के साथ ही गहनें भी धारण करती हैं, वहां सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तक परलोक और पुनर्जन्मांक में देश-विदेश की ऐसी कई घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे पुनर्जन्म की मान्यता को बल मिलता है।
बहुत से लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद नहीं रहती, ऐसी स्थिति में शास्त्रों में इसका भी निवारण बताया गया है
अगर आप किसी कारणवश शास्त्र के अनुसार विधानों से न कर पाएं, तो एक आसान विधि से भी श्राद्ध कर सकते हैं
हमारे धर्म शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष में कुछ कामों के लिए मनाही है, वहीं कुछ बातें जरूरी बताई गई हैं