सार
Premananda Maharaj of Vrindavan: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के पास रोज हजारों लोग अपनी समस्या का समाधान जानने जाते हैं। इनमें से कुछ समस्याएं तो बहुत ही विचित्र होती हैं। बाबा इन समस्याओं का समाधान भी आसानी से बता देते हैं।
Premanand Maharaj Life Management: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के वीडियो आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। इन वीडियो में अलग-अलग लोग अपनी समस्या के समाधान के बारे में बाबा से पूछते हैं। कुछ सवाल तो धर्म और आध्यात्म से हटकर होते हैं। बाबा इन सवालों का जवाब भी बड़ी ही सहजता से देते हैं। प्रेमानंद बाबा का ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति उनसे कह रहा है कि मेरा मन पुरुषों की प्रति आकर्षित होता है, मैं क्या करूं? जानें बाबा ने उसे क्या कहा…
भक्त ने पूछा सवाल
भक्त ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि ‘गुरुजी मैं पशुओं से भी निम्न जीवन जी रहा हूं, मेरा शरीर पुरुष का है, इसके बाद भी मेरी पुरुषों के प्रति आसक्ति होती है और कईं पुरुषों में मेरे शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं। आपके प्रवचन सुनकर जीवन बदलने की प्रेरणा मिली है। वैवाहिक जीवन में तलाक की नौबत आ चुकी हैं। कृपया मुझे इस पापाचरण से बचाने का मार्ग बताएं।
प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
भक्त की बात सुनकर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘अभी भी आपके मन में कहीं न कहीं सत्य स्थित है। तभी आप ये बात इस सभा में सबके सामने रख रहे हैं। पर एक बात बताईए क्या आपको अब तक इस पाप कर्म से तृप्ति मिली है यदि नहीं मिली है तो कभी मिलेगी भी नहीं। सिर्फ संतान की उत्पत्ति के लिए काम का आदर किया जाता है। पुरुष का पुरुष के प्रति आसक्त होना तो कलयुग की देन है।‘
जीवन साथी को दे रहे धोखा
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जो लोग इस तरह के पाप कर्म करते हैं वे स्वयं के साथ तो गलत कर ही रहे हैं साथ ही अपने जीवनसाथी को भी धोखा दे रहे हैं। इन सब में उसका क्या दोष है। भगवान ने हमें ये शरीर मनमाने आचरण करने के लिए नहीं दिया। यदि तुम्हारी स्त्री शरीर में रूचि नही है तो ब्रह्मचारी बनो, धन कमाओ और अच्छे कामों में लगा दो। इसी से तुम्हारा कल्याण होगा।
प्रेमानंद बाबा ने बताया उपाय
प्रेमानंद बाबा ने कहा कि ‘अभी भी समय है, भगवान का नाम लो। कोई भी गलती ऐसी नहीं है जो सुधारी ना सके। ये मन ही हमसे गलत काम करवाता है। आज से अपने मन को सलाह को मारना सीखो, इससे तुम महात्मा बन जाओगो। बस इतना ध्यान रखना कि हम जो सुख-शांति चाहते हैं वो इन कामों में नहीं है। हमारा जीवन काम पर विजय प्राप्त कर राम की भक्ति के लिए है।’
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