सार

Ram Navmi 2024: अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद 17 अप्रैल को पहली बार राम नवमी उत्सव मनाया जाएगा। इस पर्व को यहां लेकर यहां खास तैयारियां की जा रही है। इस मौके पर जानिए राम मंदिर अयोध्या में राम लला की सेवा कैसे की जाती है?

 

इस बार 17 अप्रैल, बुधवार को राम जन्मतोत्सव मनाया जाएगा। अयोध्या राम मंदिर में इस पव को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। राम मंदिर बनने के बाद यहां पहली बार राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। राम नवमी पर ठीक 12 बजे राम लला के मस्तक पर सूर्य की किरणों को तिलक किया जाएगा। मंदिर की खास साज-सज्जा भी की जाएगी। राम नवमी के खास मौके पर प्रतिदिन राम लला की कितनी आरती आरती होती है, उन्हें क्या भोग लगाया जाएगा आदि डिटेल…

कैसे वस्त्र पहनते हैं राम लला?
राम लला किस रंग के वस्त्र पहनेंगे, ये वार के हिसाब से तय होता है। राम लला को रविवार को गुलाबी, सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम और शनिवार को नीले रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं। इतना ही नहीं राम लला को रोज गुलाब का इत्र भी लगाया जाता है। इस बार 17 अप्रैल को राम जन्मोत्सव के दौरान रामलला पीले रंग के कपड़े पहनेंगे।

कितनी बार होती है आरती-क्या भोग लगाते हैं?
- रोज सुबह 4 बजे राम लला को उठाकर दातून करवाया जाता है ओर मधुपर्क का भोग लगाते हैं। इसके बाद आरती की जाती है, इसे मंगला आरती कहते हैं।
- सुबह 6.30 बजे श्रंगार के बाद राम लला की आरती होती है, इसे श्रंगार आरती कहते हैं। इसमें भगवान को रबड़ी, पेडे़ और फलों का भोग लगाते हैं।
- दोपहर 12 बजे भोग आरती होती है, इसमें भगवान को दाल, चावल, रोटी, सब्जी, खीर और हलवे का भोग लगाया जाता है।
- शाम 7 बजे एक बार पुन: आरती होती है, इसे संध्या आरती कहते हैं। इसमें भगवान को फल, पेड़े और मधुपर्क का भोग लगाते हैं।
- रात 10 बजे शयन आरती होती है, जिसमें भगवान को खीर-पुरी और सब्जी का भोग लगाते हैं।


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