सार
Strange belief: हर किसी की इच्छा होती है, उसकी बेटी की बारात घर आए और वो धूम-धाम से उसकी विदाई करे, लेकिन मध्य प्रदेश के एक गांव में बारात आने और बेटी की विदाई पर रोक है। इससे जुड़ी बहुत ही अजीब मान्यता है।
Strange belief related to marriage: हमारे देश में कईं तरह की अजीब मान्यताएं और परंपराएं हैं, जिनके बारे में सुनकर किसी को भी आश्चर्य हो सकता है। ऐसी ही एक मान्यता मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के गांव खिरिया महू में भी है। यहां गांव में किसी बेटी की बारात नहीं आती और न ही किसी बेटी की विदाई होती है। यहां के लोगों को बेटी की शादी के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है। आगे जानिए क्या है ये अजीब मान्यता और परंपरा…
ये है इस परंपरा से जुड़ी मान्यता
स्थानीय लोगों को कहना है कि हमारे गांव में न तो किसी बेटी की बारात आती है और न यहां से किसी बेटी की विदाई होती है। बहन-बेटी की शादी के लिए यहां के लोग आस-पास के गांवों में व्यवस्था करते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि यदि उनके गांव में कोई दूल्हा बारात लेकर आएगा तो यहां कोई हादसा यानी अपशकुन हो सकता है।
कैसे शुरू हुई ये परंपरा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये परंपरा कैसे शुरू हुई, इसके बारे में तो वर्तमान पीढ़ी में से कोई नहीं जानता और न ही हमारे पूर्वज इसके पीछे का कोई कारण बता कर गए। अपशकुन के डर से जो परंपरा चली आ रही है, गांव वाले उसे ही पूरी तरह से निभा रहे हैं। ऐसे में कईं बार लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है और अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ता है।
आज तक नहीं किया किसी ने चैलेंज
स्थानीय लोग बताते हैं अपशकुन के डर से आज तक इस परंपरा को किसी ने चैलेंज नहीं किया है। अगर कोई इस परंपरा को तोड़ता है और गांव में कोई हादसा हो जाए तो घर वाले उसे ही इसका जिम्मेदार मानते हैं, इसलिए कोई व्यक्ति इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाता। दूसरे गांव में शादी करने के कारण लड़की वालों को 50 हजार से 1 लाख तक की अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है।
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