सार
कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार पुनीत राजकुमार (Puneeth Rajkumar) के आकस्मिक निधन से न सिर्फ साउथ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि बॉलीवुड में भी शोक की लहर है। रविवार को बेंगलुरू के कांतीरवा स्टूडियोज में पूरे राजकीय सम्मान के साथ पुनीत राजकुमार का अंतिम संस्कार किया गया।
मुंबई। कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार पुनीत राजकुमार (Puneeth Rajkumar) के आकस्मिक निधन से न सिर्फ साउथ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि बॉलीवुड में भी शोक की लहर है। रविवार को बेंगलुरू के कांतीरवा स्टूडियोज में पूरे राजकीय सम्मान के साथ पुनीत राजकुमार का अंतिम संस्कार किया गया। सुबह से ही कांतीरवा स्टूडियोज (Kantirava Studios) के आसपास मौजूद इमारतों पर फैंस अपने चहेते सुपरस्टार की एक झलक पाने के लिए खड़े थे।
पुनीत राजकुमार का अंतिम संस्कार कांतीरवा स्टूडियोज में परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों की मौजूदगी में हुआ। उन्हें स्टेट ऑनर (राजकीय सम्मान) के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंतिम संस्कार पर पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान प्ले किया और पुलिस ने गन सैल्यूट किया। अंतिम संस्कार से पहले पुनीत के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर रखा गया था। बता दें कि पुनीत का अंतिम संस्कार पहले शनिवार को होने वाला था लेकिन उनकी बेटी वंदिता अमेरिका से नहीं आ पाई थी, जिसके चलते 31 अक्टूबर को अंतिम संस्कार किया गया।
पुनीत की पत्नी अश्विनी रेवंत को कर्नाटक के सीएम ने तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए सौंपा था। निधन के बाद पुनीत राजकुमार को कांतीरवा स्टेडियम में रखा गया था, जहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी एक्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुनीत के अंतिम दर्शन के लिए साउथ स्टार जूनियर एनटीआर, अर्जुन सरजा, चिरंजीवी और वेंकटेश समेत कई एक्टर्स पहुंचे। बता दें कि 46 साल के पुनीत राजकुमार को शुक्रवार दोपहर दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें विक्रम अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उनकी मौत की खबर आते ही सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई थी।
29 से ज्यादा कन्नड़ फिल्मों में किया काम :
पुनीत राजकुमार ने करीब 29 कन्नड़ फिल्मों में काम किया है। उन्हें फैन्स प्यार से अप्पू कहकर बुलाते थे। उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी। 1985 में आई फिल्म बेट्टाडा हूवु में अपनी अदाकारी के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था। उन्हें फिल्म चालिसुवा मोदागालु और येराडु नक्षत्रगलु में शानदार एक्टिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का कर्नाटक राज्य पुरस्कार मिल चुका है।
इन फिल्मों में नजर आए पुनीत राजकुमार :
पुनीत के पिता राजकुमार साउथ इंडियन सिनेमा के आइकॉन थे। वे कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के पहले एक्टर थे, जिन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिला था। पुनीत भी फिलहाल चेतन कुमार की निर्देशित जेम्स की शूटिंग कर रहे थे, लेकिन वो ये फिल्मी पूरी नहीं कर पाए। पुनीत ने अप्पू (2002), अभि (2003), वीरा कन्नडिगा (2004), मौर्य (2004), आकाश (2005), अजय (2006), अरसु (2007), मिलाना (2007), वामशी (2008), राम (2009), जैकी (2010), हुदुगरू (2011), राजकुमार (2017), और अंजनी पुत्र (2017) सहित कई फिल्मों में काम किया है।
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