सार

एशियाई गेम्स 2022 का आयोजन चीन के हांगझोऊ में 23 सितंबर से आठ अक्तूबर तक होगा। इसके लिए हर केटेगरी में भारत ने भी कमर कस ली है। इस बार सबकी नजरें ई-स्पोर्ट्स गेम्स पर टिकी हैं।

नई दिल्ली. ई-स्पोर्ट्स पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया है। भारत समेत पूरी दुनिया में वीडियो गेम के करोड़ों दीवाने हैं। इंटरनेशल लेवल पर भी ई-स्पोर्ट्स का आयोजन किया जाने लगा है। दुनिया के ई-स्पोर्ट्स प्लेयर इन खेलों में हिस्सा लेते हैं। इसी क्रम में गेमिंग की दुनिया में मशहूर DOTA 2 भारत में भी काफी प्रसिद्ध है। वीडियो गेमिंग को लोकप्रिय बनाने का ज्यादातर श्रेय इसे ही जाता है। इसके साथ ही ये वही गेम था जिसने पिछले बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ ई-स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के लिए देश के लिए मंच के तौर पर काम किया था।

एशियाई खेल 2022 पर टिकीं निगाहें

वहीं अब सबकी नजरें अक्टूबर में होने वाले एशियाई गेम्स 2022 में टिकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि अन्य खेलों के साथ ई-स्पोर्ट्स में भी भारत के खिलाड़ी करिश्मा दिखाएंगे। इस बात को तब और बल मिल गया जब कप्तान दर्शन बाटा, कृष गुप्ता, अभिषेक यादव, शुभम गोली और केतन गोयल ने ईस्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित नेशनल ईस्पोर्ट्स चैंपियनशिप (एनईएससी) में जीत हासिल कर हांगझोऊ में प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया। अब एशियाई खेलों में भी इन खिलाड़ियों के कंधों पर भारत को पदक दिलाने का दारोमदार है।

कैप्टन दर्शन बाटा पर बड़ी जिम्मेदारी

टीम के साथ देश को मेडल दिलाने की जिम्मेदारी मुंबई में जन्मे 28 वर्षीय दर्शन बाटा पर हैं। वे अपने गेम "ए35" को लेकर पहले से ही मशहूर हैं। उन्होंने इसके जरिए लोगों के बीच अपने गेमप्ले और कौशल का प्रदर्शन किया है। वहीं इस बारे में बाटा ने कहा कि हर जीत के पीछे अनगिनत घंटों की प्रैक्टिस और टीम वर्क होता है। DOTA 2 में सफलता हासिल करना एक सामूहिक प्रयास है जिसके लिए आपके साथियों के बीच विश्वास की जरूरत होती है। गौरतलब है एशियाई खेलों का आयोजन 2022 में ही होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उसे एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया था।