सार
नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के खिलाफ कार्यकारी समिति के कुछ सदस्यों ने विरोध तेज कर दिया है। शुक्रवार को होने वाली आम सभा की बैठक में सदस्य रिलायंस को दिए गए अनुबंध की जांच की मांग करेंगे। हालांकि, संकेत हैं कि पीटी उषा के खिलाफ फिलहाल अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। आईओए उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह ने बताया कि आम सभा की बैठक में जांच समिति बनाने की मांग की जाएगी।
15 में से 12 सदस्य हैं पीटी उषा के खिलाफ
समिति के 12 सदस्य एकजुट होकर यह मांग करेंगे। शुक्रवार की बैठक में पीटी उषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। 25 तारीख को होने वाली आईओए की विशेष आम सभा की बैठक में पंद्रह सदस्यीय कार्यकारी समिति के 12 सदस्य पीटी उषा के खिलाफ हैं। मुख्य शिकायत यह है कि उषा समिति के सदस्यों की बात सुने बिना तानाशाही की तरह काम कर रही हैं। बारह सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एजेंडा को अस्वीकार करने की बात पहले ही कह चुकीं उषा ने एक अलग एजेंडा भी जारी किया था।
हालांकि, समिति के सदस्यों की मांग है कि रिलायंस को गलत तरीके से अनुबंध दिए जाने सहित अन्य आरोपों पर चर्चा और जांच होनी चाहिए। भारतीय ओलंपिक संघ की उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को बैठक में संयुक्त रूप से उठाया जाएगा।
विरोध के बाद भी अपने डिसीजन पर अड़ी हैं पीटी उषा
इस बीच, पीटी उषा अपने द्वारा दिए गए एजेंडा पर ही चर्चा करने के अपने रुख पर कायम हैं। अगर उषा अपना नकारात्मक रवैया जारी रखती हैं, तो कार्यकारी समिति के सदस्य कड़ा विरोध करने के मूड में हैं। हालांकि, उषा का इरादा आम सभा की बैठक में विरोध करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाने और समर्थन करने वालों को समिति में शामिल करने का है।
उषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को दिल्ली में आईओए मुख्यालय में होने वाली बैठक में लाए जाने की संभावना नहीं है। आईओए के नियमों के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 21 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है।