सार
लुसाने: अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारतीय ओलंपिक संघ को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक दी है। खिलाड़ियों की स्कॉलरशिप को छोड़कर बाकी सभी मदद रोक दी जाएगी। ओलंपिक संघ में चल रहे विवाद के कारण यह कदम उठाया गया है। आईओसी ने निर्देश दिया है कि संघ में चल रहे विवादों को नियमों के तहत सुलझाया जाए। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और कार्यकारी समिति के सदस्यों के बीच विवाद के बाद आईओसी ने यह कदम उठाया है।
आरोपों से घिरीं उषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया था। इस महीने 25 तारीख को होने वाली आईओए की विशेष बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। आरोप है कि कार्यभार संभालने के बाद से उषा भारतीय खेल जगत के खिलाफ काम कर रही हैं। समिति के एक धड़े से उषा का पहले से ही विवाद चल रहा था। पीटी उषा के कार्यालय ने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की खबरों का खंडन किया है। पीटी उषा के कार्यालय ने बताया कि 25 तारीख को होने वाली आईओए की बैठक का जो एजेंडा सामने आया है, वह फर्जी है।
ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के अधिकारों में कटौती करने पर भी 25 तारीख को होने वाली बैठक में चर्चा होगी। आईओए के कार्यकारी सदस्यों और उषा के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। योग्यता मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कार्यकारी सदस्यों को उषा ने कारण बताओ नोटिस भेजा था। 15 सदस्यीय संघ की कार्यकारी समिति में 12 सदस्य उषा के खिलाफ हैं।
2022 के दिसंबर में पीटी उषा ने ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी। कार्यभार संभाले दो साल भी नहीं हुए हैं और पीटी उषा के खिलाफ आईओए में मोर्चाबंदी शुरू हो गई है।