सार

भारत के साथ हिन्दी भाषा को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। आज भारत की विदेशों तक में चर्चा है। यही वजह है कि पेरिस ओलंपिक उद्घाटन समारोह में हिंदी भाषा की प्रदर्शनी भी दिखाई गई। 

स्पोर्ट्स डेस्क। ओलंपिक का आगाज हो चुका है। भारत से कुल 78 एथलीट अपना कौशल दिखाने पेरिस गए हैं। आज विदेशों में भारत का दर्जा काफी ऊंचा हो गया है। यही वजह है कि भारत के साथ हिन्दी भाषा को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। शुक्रवार को पेरिस ओलंपिक उद्घाटन समारोह के दौरान हिंदी भाषा की प्रदर्शनी दिखाई गई। इतने बड़े आयोजन में हिन्दी भाषीय प्रदर्शनी दिखाया जाना अपने आप में बहुत सम्मान की बात है। इसे देख भारतीय खिलाड़ियों के साथ सभी भारतवासी भी गदगद हो गए।

इतिहास में दर्ज हो जाएगा ये ओलंपिक
खेल के इतिहास में पूर्ण रूप से जेंडर इक्वेलिटी हासिल करने वाला यह पहला आधुनिक ओलंपिक खेल हो गया है। ऐसे में पेरिस में 2024 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक इतिहास में दर्ज हो जाएगा। इस वर्ष ओलंपिक में पुरुष और महिला प्रतियोगियों की समान संख्या है। 

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प्रदर्शनी में शामिल रहीं कई प्रतिमाएं 
उद्घाटन समारोह के दौरान दिखाई गई प्रदर्शनी में इतिहास की गौरवशाली महिलाओं की मूर्तियां प्रदर्शित की गईं। इनमें गिसेले हलीमी (1927-2020), क्रिस्टीन डी पिजा (1364-1431) और ऐलिस गाइ (1873-1968) की प्रतिमाएं शामिल थीं। ये आज की पीढ़ियों के लिए एक प्रेेरणास्रोत के समान हैं। खिलाड़ियों को इनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। 

समारोह में इन भाषाओं की प्रदर्शनी
समारोह में इन भाषाओं की प्रदर्शनी को शामिल किया गया था। आयोजन की खास बात इन स्मारकों का विभिन्न भाषाओं में विवरण दिया जाना था। प्रदर्शनी में दिखाई गई फ्रांसीसी महिलाओं की जीवनियां छह अलग-अलग भाषाओं में वर्णित की गईं थीं। इनमें फ्रेंच, अंग्रेजी, चीनी, अरबी, स्पेनिश और हिंदी भाषा शामिल थी। ओलंपिक में हिन्दी भाषा को तरजीह देना गर्व की बात है।

भारतीय खिलाड़ियों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण होगा। कई सारी प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ी आज अपना कौशल दिखाने वाले हैं।