बिहार चुनाव 2025 में रामगढ़ सीट पर बसपा उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव ने भाजपा के अशोक कुमार को सिर्फ 30 वोटों से हराया। यह बसपा की एकमात्र जीत रही। जानिए सतीश यादव की पूरी प्रोफ़ाइल, संपत्ति विवरण और कैसे बदला रामगढ़ का चुनावी समीकरण।

बिहार चुनाव में जहां बड़े-बड़े गठबंधन और नामी दलों का शोर दूर तक सुनाई दे रहा था, वहीं कैमूर के शांत से दिखने वाले रामगढ़ में एक ऐसा नतीजा निकला जिसने पूरे राज्य की राजनीति को हिला दिया। मुकाबला इतना करीबी, इतना सांसें रोक देने वाला था कि आखिरी दौर की गिनती ने पूरे चुनाव का सबसे रोमांचक दृश्य पेश कर दिया। सिर्फ 30 वोट। हां, मात्र 30 वोटों ने बहुजन समाज पार्टी को बिहार विधानसभा 2025 में पहली और एकमात्र जीत दिलाई और राज्य में मायावती की पार्टी की खोई हुई उम्मीदों को नई रोशनी दी।

कौन हैं BSP के नए विधायक सतीश कुमार सिंह यादव?

रामगढ़ सीट से जीत हासिल करने वाले सतीश कुमार सिंह यादव मूल रूप से कैमूर जिले के निवासी हैं। 39 वर्षीय सतीश यादव के पिता का नाम अगुन सिंह यादव है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिहार में पूरी की और इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। एक शिक्षक परिवार से आने वाले सतीश यादव लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे हैं और रामगढ़ क्षेत्र में उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है।

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सतीश यादव की संपत्ति कितनी है? जानिए हलफनामे का पूरा विवरण

चुनाव से पहले दिए गए हलफनामे के मुताबिक:

  • हाथ में नकद (कैंडिडेट): 2,50,000 रुपये
  • पत्नी के पास नकद: 50,000 रुपये
  • बैंक बैलेंस: 2,63,744 रुपये
  • वाहनों की कुल कीमत: 23,80,000 रुपये
  • 2025-26 में कुल आय: 5,52,124 रुपये
  • कुल संपत्ति: 2,01,62,356 रुपये

सतीश यादव के खिलाफ 2 आपराधिक मामले भी लंबित हैं।

किसे हराकर जीते सतीश यादव?

सबसे रोमांचक हिस्सा यह कि मुकाबला इतना नजदीकी था कि हर वोट की कीमत तय कर रहा था विजेता।

  • BSP – सतीश कुमार सिंह यादव: 72,689 वोट
  • BJP – अशोक कुमार सिंह: 72,659 वोट
  • अंतर: सिर्फ 30 वोट
  • RJD – अजित कुमार: 41,480 वोट (तीसरे स्थान पर)

Ramgarh Result ने क्यों चौंकाया बिहार?

रामगढ़ को पारंपरिक रूप से राजद का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से लगातार चुनावों में BSP को करीबी हार मिलती रही थी।

  • 2024 उपचुनाव: सतीश यादव BJP उम्मीदवार अशोक कुमार से 1,362 वोट से हारे
  • 2020 विधानसभा चुनाव: उनके चाचा अंबिका सिंह बसपा प्रत्याशी थे और RJD से सिर्फ 189 वोट से हारे

लगातार हार के बाद इस बार आई जीत सिर्फ जीत नहीं, बल्कि एक कमबैक है—वह भी बिहार चुनावों का सबसे करीबी नतीजा बनकर।

BSP का खाता सिर्फ एक सीट पर खुला, लेकिन प्रभाव बड़ा

मायावती की पार्टी BSP ने बिहार की 243 सीटों में से 192 पर चुनाव लड़ा था। पर रामगढ़ की यह 30 वोटों वाली जीत पार्टी के लिए सियासी ऑक्सीजन बनकर उभरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नतीजा भविष्य में बिहार में बसपा की रणनीति और विस्तार के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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